महंगाई के अनुपात में समर्थन मूल्य में वृद्धि करे सरकार
किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ. सुनीलम ने कहा
महंगाई के अनुपात में समर्थन मूल्य में वृद्धि करे सरकार
सिवनी. संयुक्त किसान मोर्चा के सहयोगी संगठन किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने केंद्र सरकार द्वारा 48 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों एवं 68 लाख पेंशनधारी कर्मचारियों को 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) 1 जुलाई से दिए जाने, बाकी तीन किस्तों का भी भुगतान किए जाने के फैसले का ऑनलाइन बैठक में जिक्र करते हुए कहा कि किसानों के लिए घोषित समर्थन मूल्य में भी महंगाई के अनुपात में वृद्धि की जानी चाहिए।
डॉ. सुनीलम ने कहा कि डीजल, बिजली, खाद, बीज की मूल्य वृद्धि का सबसे अधिक असर किसानों पर पड़ा है, इसलिए समर्थन मूल्य भी महंगाई भत्ता और महंगाई राहत जोड़कर दिया जाना चाहिए। केंद्र सरकार से किसानों के संपूर्ण कर्र्ज मुक्ति की मांग की है। कहा कि 2014 के बाद सरकार द्वारा डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस पर टैक्स बढ़ाकर जनता से कमाई राशि से देशभर के सभी किसानों को आसानी से कर्ज मुक्त किया जा सकता था। पूंजीपतियों को छूट देने तथा देश के आम नागरिकों को टैक्स बढ़ाकर समस्या बढ़ाने की नीति का 550 किसान संगठनों के द्वारा विरोध जारी रहेगा।
चुनाव में भाजपा को हराने का चलाएंगे अभियान
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा चुनाव में भाग लेने संबंधी खबरों को निराधार बतलाते हुए डॉ. सुनीलम ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा का गठन अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की पहल पर 3 किसान कानून रद्द कराने, बिजली संशोधन बिल वापस कराने तथा एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी किसानों को दिलाने के लिए किया गया है, चुनाव लडऩे के लिए नहीं। कहा कि आगामी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड एवं अन्य पांच राज्यों के चुनाव में भाजपा को हराने का अभियान जारी रहेगा। डॉ सुनीलम ने यह भी स्पष्ट किया है कि संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल 550 किसान संगठन चुनाव संबंधी फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले कोई भी चुनाव नहीं लड़ा जाएगा।
फिर बड़े आंदोलन की तैयारी –
किसान संघर्ष समिति के जबलपुर संभागीय सयोंजक राजेश पटेल ने बताया कि सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, नरसिंहपुर, मंडला सहित सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के किसान संसद भवन के समक्ष प्रदर्शन में शामिल होने दिल्ली जाने की तैयारी कर रहे हैं।आज सँयुक्त किसान मोर्चा मध्यप्रदेश डॉ. सुनीलम की अध्यक्षता में आयोजित ऑनलाइन समीक्षा बैठक में बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने संसद के आगामी मानसून सत्र में तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी गारंटी कानून पारित करने के लिए सभी सांसदों को पीपल्स व्हिप जारी किया है। वहीं 22 जुलाई से 9 अगस्त तक संसद के प्रत्येक कार्य दिवस पर विरोध मार्च होगा। जिसमें 26 जुलाई और 9 अगस्त को महिला किसानों द्वारा विशेष विरोध मार्च होगा। कहा कि विदेश में स्थित अलगाववादी संगठनों द्वारा दिए गए आव्हान किसान विरोधी हैं और निंदनीय हैं। किसान मोर्चा और किसानों के विरोध का उनसे कोई लेना-देना नहीं है।