वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार झूठ और फरेब के दम पर सरकार में आई हैं। उनका वचन पत्र झूठा साबित हुआ है। परेशान किसानों के लिए कांग्रेस कुछ नहीं कर पाई, जबकि केन्द्र सरकार पर झूठा आरोप लगा रही है। किसानों को हर माह मिलने वाले छह हजार रुपए भी प्रदेश सरकार द्वारा सही प्रपत्र नहीं भरे जाने की वजह से नहीं मिल पा रहा है। किसानों का ऋण माफ करने में भी सरकार फेल हैं। कहा कि बेरोजगारी भत्ते के नाम पर युवाओं को धोखा दिया है।
प्रदेश अराजकता की चपेट में है। अपनी असफलता पर पर्दा डालने के लिए कांग्रेसी धरना दे रहे हैं। खास है कि धरना प्रदर्शन में स्वयं कांग्रेसी नेता यह स्वीकार कर रहे हैं कि प्रदेश का किसान परेशान है। अब कांग्रेस की इस बात पर हंसा जाए या रोया जाय। सच्चाई यह है कि कांग्रेसी स्वयं आक्रोशित किसानों का सामना करने से कतरा रहे हैं।
प्रदर्शन के दौरान जिलाध्यक्ष प्रेम तिवारी, सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन, केवलारी विधायक राकेश पाल सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष मीना बिसेन, नगर पालिका अध्यक्ष आरती शुक्ला, पूर्व सांसद नीता पटेरिया, पूर्व विधायक नरेश दिवाकर, अभिलाष पांडेय आदि उपस्थित रहे।
केन्द्र सरकार ने नहीं दिया अतिवृष्टि से किसानों के नुकसानी का मुआवजा
सिवनी. मध्यप्रदेश में अतिवर्षा से आई भीषण आपदा पर केन्द्र सरकार ने कोई मदद नहीं की है। सिवनी सहित प्रदेश के 39 जिले प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए हैं। इसका सबसे अधिक असर अन्नदाता किसानों पर हुआ है। प्रदेशभर में करीब 60.47 लाख हेक्टेयर में लगी 16270 करोड़ रुपए की फसलें बर्बाद हुई है। लगभग एक लाख 20 हजार घरों की क्षति पंहुची हैं। 674 नागरिकों को प्राण गंवाने पड़े हैं।
प्रदेश में 11 हजार किमी सड़को को नुकसान हुआ हैञ एक हजार से अधिक पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पशु धन का नुकसान हुआ है। 19735 स्कूल बिल्डिंगों के साथ 218 छात्रावासों, 230 स्वास्थ्य केन्द्रों, 17106 आगनवाडिय़ों को प्राकृति आपदा की मार झेलनी पड़ी। यह बात कांग्रेसियों ने सोमवार को नगर पालिका चौक पर कही। वे केन्द्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
वक्ताओं ने कहा कि राज्य में भीषण प्राकृतिक आपदा आने पर केन्द्र सरकार का दायित्व है कि वह आपदा कोष से राज्य को आर्थिक सहायता पंहुचाएं। केन्द्र सरकार से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं प्रदेश सरकार द्वारा 6621.28 करोड़ की मांग की गई। दुर्भावनावश प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री ने राहत के लिए प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के बाद भी अब तक प्रदेश सरकार को आपदा कोष से एक पैसा नहीं दिया हैं। इसके बावजूद मुख्यमंत्री कमलनाथ कठिन आपदा की घड़ी में प्रदेश के नागरिकों एवं किसानों के साथ हर क्षण कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
प्रदेश सरकार ने नागरिकों की हुई जान माल के नुकसान पर अभी तक 200 करोड़ रुपए वितरित कर चुकी है। 270 करोड़ रुपए की राशि उन जिलों को तत्काल वितरित कराई गई, जहां के किसानो की फसलों का सर्वाधिक नुकसान हुआ है। मध्यप्रदेश में भाजपा से जीत कर बाए 29 में से 28 सांसदो ने एक बार भी केन्द्र सरकार से प्रदेश की जनता की पीड़ा में मदद करने के लिए प्रयास नहीं किया, उल्टे भाजपा के शीर्ष नेता किसानों और वंचित वर्ग के नागरिकों के खिलाफ अनर्गल बयान देकर उनकी पीड़ा को बढ़ा रहे है।
जिलाध्यक्ष राजकुमार खुराना, विधायक अर्जुन सिंह काकोडिय़ा, असलम खान, आनंद पंजवानी, राजा बघेल, पार्षद सुरेंद्र करोसिया, पार्षद शफीक खान, देवी सिंह चौहान, पूर्व नपा उपाध्यक्ष राजिक अकील आदि उपस्थित रहे।