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सिवनी

डीएलएड ट्रेनिंग में कैसे शामिल हुए फर्जी टीचर, ये है पूरा मामला

डीईओ, डाइट प्रिंसिपल ने भी माना हुई है गड़बड़ी

सिवनीApr 12, 2018 / 12:07 pm

sunil vanderwar

Success Mantra

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सिवनी. जिले के ३२ स्कूलों को चिन्हित कर डीएलएड का ट्रेनिंग सेंटर बनाकर सरकारी खर्चे पर स्कूलों के ३२८० अनुभवहीन शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसमें कई प्राइवेट स्कूलों ने मुनाफा कमाने आवेदक को अपनी संस्था में बतौर शिक्षक पदस्थ होना बताकर गलत तरीके से वेरीफिकेशन कर डीएलएड प्रशिक्षण में शामिल करा लिया है। इस मामले में जब लगातार खबर प्रकाशित की तो गड़बड़ी करने वाले स्कूलों में हडक़म्प मच गया।
लगातार खबर प्रकाशित करते पत्रिका ने डीईओ और डाइट प्राचार्य से जानकारी ली, तो उन्होंने ऐसी स्थिति की संभावना व्यक्त की है। बता दें कि जिन प्राइवेट स्कूलों में विद्यार्थियों की दर्ज संख्या करीब ५० है वहां भी १० से ज्यादा शिक्षकों का पदस्थ होना दर्शाकर वेरीफिकेशन कर डीएलएड प्रशिक्षण में शामिल करा लिया गया है।
घबरा रहे हैं गड़बड़ी करने वाले –
डीईओ एसपी लाल ने बताया कि बुधवार को जिलेभर के प्राइमरी, मिडिल, हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूलों की बैठक में डीएलएड में बाहरी लोगों को शामिल किए जाने का मामला उठा। इस पर स्कूल प्रबंधन को जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। डीईओ और डाइट प्राचार्य की फटकार पर कई स्कूल संचालक घबराए नजर आए।
लिखित शिकायत पर होगी जांच –
डाइट प्राचार्य केके पटेल ने कहा है कि हमारे पास प्राइवेट स्कूलों द्वारा एमआईएस ऑनलाइन सिस्टम से मनमाने वेरीफिकेशन किए जाने और गलत तरीके से डीएलएड ट्रेनिंग कराए जाने की शिकायतें मिल रही हैं। इस मामले में जब लिखित शिकायत प्राप्त होगी, तभी जांच और अन्य कार्रवाई की जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने पर वेरीफिकेशन करने वाले स्कूल और वेरीफिकेशन कराने वाले आवेदक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
स्कूल बसों में लगायें जायें सीसीटीवी कैमरे
प्रतिवर्ष शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होते ही अभिभावकों की यह शिकायत होती है कि अशासकीय शालाओं में अध्यापन के दौरान अनापएशनाप प्रवेश शुल्क एवं अध्ययन हेतु कॉपीए किताब से लेकर ड्रेस तक के लिये दुकान सुनिश्चित की जाती है इस बात को जिला शिक्षा अधिकारी एसआर लाल एवं जनशिक्षा अधिकारी गोपाल सिंह बघेलएपरियोजना अधिकारी महेश गौतमए एवं डाईट प्राचार्य केके पटेल के मार्गदर्शन में गंभीरता से लेते हुए बड़ा मिशन स्कूल सिवनी में बैठक का आयोजन किया गया जिसमें समस्त अशासकीय शालाओं को दिशाएनिर्देश दिये गये है।
कहा गया है कि मध्यप्रदेश राजपत्र क्रमांक.50ए25 जनवरी 2018 जारी मप्र निजी विद्यालय अधिनियम 2017 फिस तथा संबंधित विषयों का विनियोग के विषय में निर्देश दिये गये है। राजपत्र क्रमांक.128ए 23 फरवरी 2018 द्वारा शैक्षणिक वर्ष के लिये फिस पूर्व वृति वर्ष में प्रभारित फिस से 10 प्रतिशत के भीतर रखने का प्रतिबंध का पालन सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये गये है।
डीईओ श्री लाल ने कहा है कि संस्था के पाठ्यक्रम में अधिकांश पुस्तके एनसीआरटी की सम्मिलित की जायें पुस्तक यूनिफॉर्मएटाईए जूतेए कापियाँ का विक्रय खुले बाजार से करवाने हेतु जोर दिया गया है। संस्था परिसर अथवा किसी विशेष दुकान से विक्रय में प्रतिबंध लगाने की बात की गई है। शिक्षण सामग्री पर विद्यालय का नाम अंकित ना हो यूनिफार्म कमसे कम 5 वर्ष के अंतराल में बदलने के निर्देश दिये गये है।

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