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सिवनी

इस जिले में हो सकती है कई किस्म की खेती, वैज्ञानिकों ने बताई संभावना

जैविक खेती को बढावा देने पर जोर

सिवनीJun 25, 2021 / 09:20 pm

sunil vanderwar

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सिवनी. कृषि विज्ञान केंद्र के दर्पण सभागार में आंॅनलाइन प्लेटफार्म गूगल मीट एवं आंफलाइन द्वारा वैज्ञानिक परामर्शदात्री समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कृषि विज्ञान केंद्र सिवनी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डां. एनके सिंह द्वारा केंद्र द्वारा खरीफ वर्ष 2020-21 में किए गए कार्यो एवं खरीफ वर्ष 2021-22 की कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण किया गया।
बैठक में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के प्रमण्डल सदस्य ओम ठाकुर द्वारा उद्यानिकी फसलों, लाख उत्पादन एवं प्रसंस्करण तथा भूमि सुपोषण अभियान के अंतर्गत मृदा की उर्वरता बनाए रखने के लिए मृदा संरक्षण कार्य करने के लिए सुझाव दिया गया साथ ही स्वदेशी तकनीकी ज्ञान को मानकीकृत कर जैविक खेती को बढावा देने पर जोर दिया। साथ ही ज्यादा से ज्यादा कृषकों को जैविक कृषि शिक्षा पर प्रशिक्षित करने के सुझाव दिए गए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के संचालक विस्तार सेवाएं डांॅ. डीपी शर्मा द्वारा सिवनी जिले में मखाना की खेती की संभावनाओं, सीताफल के उत्पादन तथा प्रसंस्करण एवं फलदार पौध रोपण को बढावा देने के लिए एवं विभिन्न प्रदर्शन इकाई स्थापित की जाने के लिए निर्देशित किया। साथ ही प्रक्षेत्र परीक्षण तथा अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन का आर्थिक विश्लेषण किए जाने का सुझाव दिया।
डॉ. जीके कोतू अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय बालाघाट द्वारा जिले के कृषकों को बीज उत्पादन में प्रशिक्षित कर बीज स्वावलंबी बनाने की जरूरत बताई। विश्वविद्यालय द्वारा विकसित नवीन किस्मों के बीजों की उपलब्धता की जानकारी समय पर उपलब्ध कराने, फसल विविधिकरण के अंतर्गत किसानों को खरीफ मौसम में मेढ नाली पद्धति से अरहर उत्पादन पर प्रशिक्षण एवं धान की सीधी बुआई के लिए प्रशिक्षण देने की आवश्यकता बताई।
डॉ. वीके पराडकर अधिष्ठाता उद्यानिकी महाविद्यालय सह सहायक संचालक अनुसंधान आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र छिंदवाडा द्वारा मक्का की विभिन्न प्रजातियांॅ जैसे स्वीटकार्न, पापकार्न, वेबीकार्न एवं हरे चारे वाली किस्मों का उत्पादन तथा जैविक खेती को बढावा देने के लिए बेवेरिया बेसियाना के छिडकाव पर प्रक्षेत्र परीक्षण एवं सिवनी जिले की आकस्मिक कार्य योजना में रामतिल तथा अरन्डी फसल को बढावा देने के सुझाव दिए गए। मोरिष नाथ उप संचालक कृषि सह परियोजना संचालक आत्मा समिति सिवनी द्वारा जीराशंकर को एक जिला एक उत्पादन के रूप में प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र तथा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा तकनीकी ज्ञान उपलब्ध कराने एवं कृषि विभाग के विकासखंड स्तरीय प्रदर्शनों को अभिशरण मोड में डालने का सुझाव दिया गया।
किषोर मरावी उपसंचालक मत्स्य विभाग सिवनी द्वारा इच्छुक किसानों को मत्स्य पालन की विभिन्न योजनाओं के बारे में अवगत कराने तथा प्रधानमंत्री संपदा योजना एवं बायोफ्लाक इकाई स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया गया। डांॅ. मनीष सेन्डेए सहायक संचालक पशु चिकित्सा विभाग सिवनी द्वारा बकरियों की नश्ल सुधार के लिए बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान, दुग्ध प्रसंस्करण एवं पशुचारा उत्पादन इकाईयों की स्थापना करने के लिए सुझाव दिया गया। शिवराम सनोडिया प्रगतिशील कृषक ग्राम सिमरिया द्वारा जिले में खरीफ में वर्तमान में लगी सोयाबीन तथा धान की फसल में मौसम आधारित कृषि सलाह समय-समय पर देने का सुझाव दिया। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र सिवनी के सभी वैज्ञानिक एवं अधिकारी उपस्थित रहे।

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