यह है वास्तविक इतिहास
सरकार भी बताती है जंगल बुक का वास्तविक इतिहास, यहां करें क्लिक
बच्चों के लिए होंगे अनेक कार्यक्रम
मोगली उत्सव के दौरान स्कूली बच्चों के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस बार नवंबर में अलग-अलग जंगलों की बजाय मोगली लैंड की सैर कराई जाएगी। यह मोगली लैंड पेंच टाइगर रिजर्व में है। स्कूल शिक्षा विभाग ने जिले के शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को निर्देश देकर कहा है कि जिले स्तर पर बच्चों को मोगली लैंड की सफारी कराई जाए। पर्यावरण विज्ञान के साथ-साथ भौगोलिक विशेषताओं और वन्य जीवों के बारे में बताया जाए। इससे पहले विकासखंड स्तरीय मोगली बाल उत्सव परीक्षा का आयोजन किया गया। वहीं इस स्पर्धा के प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में सहायक संचालक शिक्षा आरएस मर्सकोले, संस्था प्राचार्य डीसी डहरवाल, प्रधान पाठक यूरेन्द्र हनवत, व्याख्याता पी चौधरी, एस एससैयाम बतौर अतिथि शामिल थे। शिक्षक पंचम हनवत की ओर से मोगली बाल उत्सव के बारे में जानकारी दी गई। गौरतलब है कि जिन छात्र-छात्राओं का चयन लिखित परीक्षा से हुआ है, वे जिला स्तरीय मोगली बाल प्रश्न मंच प्रतियोगिता में 5 नवंबर को बालाघाट उत्कृष्ट विद्यालय में होने वाले समारोह में भाग लेंगे।
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MP में जन्मा था मोगली, जंगल बुक के गाने ने मचा दी धूम
गाने ने मचाई थी धूम
इससे कई साल पहले जंगल बुक पर कई फिल्में बनी लेकिन एक गाने ने कई बार धूम मचाई। यूट्यूब से लेकर फेसबुक तक इसके गाने ने सभी रिकार्ड तोड़ दिए थे। जंगल-जंगल बात चली है पता चला है… इस गाने को कई करोड़ बार देखा जा चुका है। कुछ साल पहले आई बॉलीवुड फिल्म के हिन्दी रूपांतरण में प्रियंका चोपड़ा, इरफान खान, नाना पाटेकर, ओम पुरी और शेफाली शाह ने अपनी आवाज दी थीं।
नाना तब भी अब भी
यह फिल्म 1967 में वॉल्ट डिज्नी की एनिमेटेड फिल्म का रीमेक थी। इसके हिंदी संस्करण में प्रियंका ने अजगर का को, इरफान ने भालू बलू और शेफाली ने भेड़िया रक्षा के किरदार को आवाज दी थी। ओम पुरी ने फिल्म में काले तेंदुए बघीरा और नाना पाटेकर ने शेर खान को आवाज दी थी। नाना पाटेकर ने 90 के दशक में दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाली एनिमेटेड सीरीज में भी शेर खान को अपनी आवाज दी थी।
दो दशक पहले मचाई थी दूरदर्शन पर धूम
बीस साल पहले हर रविवार को भारत में ”जंगल-जंगल बात चली है पता चला है…’ इस टाइटल सॉन्ग ने धूम मचा रखी थी। ‘द जंगल बुक’ का प्रमुख किरदार मोगली पर फिल्माया गया था। उस समय सीरियल के इस गीत पर राजनीति भी खूब गरमाई थी। कांग्रेस ने तो इस गीत की शिकायत भी चुनाव आयोग में कर दी थी।
सिवनी के जंगल में मिला था मोगली
भारत में ब्रिटिश सल्तनत के वक्त मध्यप्रदेश के सिवनी के जंगल में एक बालक जो जंगली भेड़ियों के बीच पला-बढ़ा, उस दौर की किंवदंती आज भी मानी जाती है। कई लोग इसे सही घटना मानते है। कहा जाता है कि एक बालक जो जंगलों की वादियों में पला, वह भेड़ियों की संगत में रहकर भेडियों की तरह हरकतें करता था।
सिवनी में मोगली का घर
वन्यजीवन का अध्ययन करने वाले कहते हैं कि सिवनी के पेंच टाइगर रिजर्व में मोगली का घर था। इसके प्रमाण सर विलियम हेनरी स्लीमन के लेख ”एन एकाउंट ऑफ वाल्वस नरचरिंग चिल्ड्रन इन देयर डेन्स” नामक दस्तावेज में बताए गए हैं। दस्तावेज में यह भी उल्लेख है कि पेंच के संतबावड़ी ग्राम में 1831 में एक बालक मिला था, जो जंगली भेड़ियों के साथ गुफाओं में रह रहा था। ‘जंगल बुक’ के लेखक रूडयार्ड किपलिंग ने बैनगंगा नदी, कछारों और पहाड़ियों की चर्चा की थी। वह भौगोलिक स्थिति वास्तव में इस क्षेत्र से मेल खाती है।
750 वर्ग किमी में फैला है पेंच
सिवनी के पास स्थित पेंच टाइगर रिजर्व 750 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। पेंच राष्ट्रीय उद्यान और सेंचुरी का कोर एरिया 410 वर्ग किमी में फैला है।