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सिवनी

जरूरतमंद बच्चों को प्रदाय किया गया एमआर किट

किट में बच्चों के लिए है टीचिंग लर्निग मटेरियल

सिवनीJan 20, 2022 / 10:21 am

akhilesh thakur

जरूरतमंद बच्चों को प्रदाय किया गया एमआर किट

जरूरतमंद बच्चों को प्रदाय किया गया एमआर किट

सिवनी. भारत सरकार दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 अंतर्गत 21 प्रकार की दिव्यांगता दर्शाई गई है। इनमें बौद्धिक दिव्यांगता व्यक्ति के बुध्दि की अपूर्ण विकास की अवस्था जो कि विशेष रूप से बुध्दि की असामान्यता द्वारा अभिलक्षित होती है। सेरीब्रल पॉलसी (प्रमास्तिष्क आघात) मस्तिष्कीय क्षति है, जिसमें पूरे मस्तिष्क को क्षति न पहुंचकर कुछ हिस्सा जो कि शरीर संचालन को नियंत्रण करता है। प्रभावित होता है। आटिज्म (स्वलीनता) इससे प्रभावित व्यक्ति सीमित और दोहराव युक्त व्यवहार करता है। किसी काम या बात को बार-बार दोहराना। संस्था ऐसे दिव्यांगजनों को पुनर्वास हेतु सदैव प्रयासरत रहती है ताकि इन दिव्यांगजनों का भी समग्र विकास हो सकें। इस प्रकार के बच्चों को नियमित थैरेपी के साथ-साथ एमआर किट भी उपयोगी होती है। कलेक्टर के निर्देशन में राष्ट्रीय बहुविक्लांगता जन सशक्तीकरण संस्थान चेन्नई तमिलनाडू से प्राप्त एमआर किट बुधवार को ग्रसित बच्चों को प्रदाय किया गया।
उप संचालक सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण सिवनी बीरेश सिंह बघेल द्वारा अवगत कराया गया है कि ऐसे बच्चे जो मानिसक मंद, सेरीब्रल पॉलसी एवं आटिज्म से ग्रस्ति बच्चों को टीचिंग, लार्निंग मटेरियल (एमआर किट) के माध्यम से घर पर ही बच्चे के माता-पिता द्वारा दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुओं का विभिन्न रंगों आकार आदि से संबंधित विभिन्न उपकरण सामग्री एवं पुस्तकें के माध्यम से बच्चों को सरलता से अपने स्थानीय परिवेश की प्रकृतिक घर परिवार एवं दैनिक क्रियाकलाप की जानकारी से अवगत करा सकें, जिससे बौद्धिक दिव्यांग, सेरीब्रल पॉलसी (प्रमास्तिष्क आघात) एवं आटिज्म (स्वलीनता) से ग्रसित बच्चे भी समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकने में सक्षम हो सकें। जिले में मानसिक मंद प्रमास्तिक अघात बच्चे एवं आटिज्म के चार बच्चे विनायक सनोडिया (06 वर्ष), अमोघ गर्ग (उम्र.08), युग बिसेन (उम्र.11 वर्ष), विनीत उइके (उम्र. 12 वर्ष) को जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र सिवनी से किट प्रदाय किया गया। इसके उपयोग से मानसिक मंद बच्चों का विकास उचित प्रकार से हो सकें एवं किट में बच्चों के लिए टीचिंग लर्निग मटेरियल है। इससे उनका सर्वांगणि विकास हो सकें। इसके लिए बच्चों के अभिभावकों को टीचिंग एवं लर्निग संबंधित प्रशिक्षण डॉ. मनीषा श्रीवास्तव सॉइकोलॉजिस्ट द्वारा जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र सिवनी में दिया गया एवं बच्चों द्वारा किट प्राप्त कर अति उत्साहित हुए एवं उनके माता-पिता द्वारा प्रसन्नता व्यक्त की गई।

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