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पत्रिका चेंजमेकर में परिवार और देश को लेकर क्या बोली महिलाएं, पढि़ए खबर

सिवनी विस की महिलाओं ने लिया स्वच्छ राजनीति का संकल्प, पत्रिका चेंजमेकर अभियान में महिलाओं ने रखे स्वच्छ राजनीति पर विचार

सिवनीJun 01, 2018 / 08:25 pm

akhilesh thakur

patrika changemaker

पत्रिका चेंजमेकर में परिवार और देश को लेकर क्या बोली महिलाएं, पढि़ए खबर

सिवनी. पत्रिका स्वच्छ राजनीति अभियान के तहत गुरुवार को जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में महिलाओं ने स्वच्छ राजनीति का संकल्प लिया। महिलाओं ने बैठक में कहा कि राजनेताओं को परिवार की तरह देश के बारे सोचना चाहिए। यदि यह सोच शुरू हो गई तो स्वच्छता दिखाई देने लगेगा। राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढऩी चाहिए। महिलाए परिवार व घर संभाल सकती है तो देश भी संभाल सकती है। देश की आधी आबादी महिलाओं की है। ऐसे में राजनीति में आधा प्रतिनिधित्व उनको मिलना चाहिए।
कहा कि लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को आधा प्रतिनिधित्व दिया जाए। इसके लिए मुख्य निर्वाचन आयोग सहित संबंधित को पत्र लिखा जाएगा। स्वच्छ राजनीति कार्यक्रम में सिवनी विधानसभा से मातृ शक्ति संगठन जिला महिला पतंजलि योग ? समिति शहर की समाजसेवी महिलाओं के अलावा केवलारी विधालनसभा के खैरापलारी की समाजसेवी महिलाओं ने शिरकत किया।

स्वच्छ राजनीति की नींव साबित होगा चेंजमेकर
आज के समय स्वच्छ राजनीति की महती आवश्यकता है। पत्रिका का चेंजमेकर अभियान स्वच्छ राजनीति की नींव साबित होगा।
उषा शर्मा, महिला पतंजलि अध्यक्ष


नेताओं में हो मानव सेवा का उद्देश्य
आज की राजनीति और नेताओं में मानव सेवा का उद्देश्य होना चाहिए। महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष देना चाहिए। इन सबके लिए स्वच्छ राजनीति जरूरी है।
अनुराधा ठाकुर, भारत स्वाभिमान महामंत्री
खत्म होनी चाहिए वादों की राजनीति
वादों की राजनीति खत्म होना चाहिए। चुनाव से पहले विकास की लम्बी-लम्बी बातें की जाती हैं इसके बाद नेता देश का नहीं स्वयं का विकास में जुट जाते हैं।
कविता शर्मा

घोटालों का देश बन गया भारत
70 सालों में देश का जितना विकास होना था उतना नहीं हुआ है। भारत में सबसे ज्यादा सम्पदा होने के बाद भी भारत पिछड़ा है। सोने की चिडिय़ा कहे जाने वाला देश घोटालों का देश बनकर रह गया है। इसके लिए स्वच्छ राजनीति की महती आवश्यकता है।
दुर्गेश्वरी शर्मा

देश का हो रहा नुकसान
हर छोटे-बड़े नेता सिर्फ समाजसेवी के रूप में ही अपने आपको स्थापित कर नि:स्वार्थ राजनीति जब तक नहीं करेंगे तब तक राजनीति स्वच्छ नहीं हो सकती है। इससे देश का सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है।
रानू बिसेन

नेताओं का होगा बेहतर आचरण तब बनेगी बात
कोई भी नेता अब तक परीक्षा में खरे नहीं उतरे हैं इससे मन कचोटता है। नेताओं के पास उनकी स्वच्छ छवि, बेहतर आचरण, समर्पण जब होगा तभी स्वच्छ राजनीति सामने आएगी और देश का सर्वोच्च विकास होगा।
अन्नू सोनी

देश में ५५ फीसदी है महिलाओं की भागीदारी
भारत में महिलाओं की 55 प्रतिशत भागीदारी है जिसमें मात्र 20 प्रतिशत ही जागरूक महिलाएं हैं। स्वच्छ राजनीति की सोच के साथ जब महिलाएं राजनीति आएंगी तब एक समाज, एक राष्ट्र का सर्वागीर्णं विकास सम्भव होगा।
अभिलाषा खरे

देश को खोखला करने वाला सुखी नहीं
जो व्यक्ति घर को अच्छे से चला सकता है वहीं देश को भी अपने परिवार की भांति समझकर चला सकता है। देश को खोखला करने वाले राजनेता कहीं भी सुखी नही रहते हैं।
दीपा बिसेन
जनरल प्रमोशन से गिरा शिक्षा का स्तर
पहले 5वीं, 8वीं बोर्ड परीक्षा थी, जनरल प्रोमेशन के बाद शिक्षा का स्तर गिरा है। इसी प्रकार राजनीति में उच्च डिग्रीधारी, योग्यता की कसौटी में खरे लोग जब आएंगे तब स्वच्छ राजनीति में भारत का नक्शा ही कुछ ओर होगा।
पुष्पा महेंदीरत्ता

पत्रिका चेंजमेकर से आएगा बदलाव
पत्रिका का चेंजमेकर अभियान निश्चित रूप से स्वच्छ राजनीति के लिए उठाया गया कदम सराहनीय है। इससे जुड़कर देश में निश्चित रूप से बदलाव आएगा।
आरती तिवारी

पहले मन में लानी होगी स्वच्छता
जिले में जो नेता चुनकर आए हैं, उन्हें शहर की सड़कों के दोनों ओर हुए व्यापक अतिक्रमण को हटाने में निष्पक्ष कार्यवाई करना चाहिए। सम्पूर्ण स्वच्छता पहले मन में होगी तब ही बात स्वच्छ राजनीति की बनेगी।
बीना अग्रवाल

२५ ग्राम दारू से बंटाधार हो रहा राजनीति
25 ग्राम दारू से 5 साल की राजनीति खरीदने वालों ने देश का बंटाधार किया है। बिकाऊ वाली राजनीति पूरी तरह से बंद होना चाहिए। इसके लिए पत्रिका का चेंजमेकर अभियान से लोगों को जुड़कर वोट खरीदने वालों को तमाचा मारा जा सकता है।
सीमा संतोष झारखडिया

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