कलेक्टर प्रवीण सिंह शुक्रवार को कार्यालय में बैठे थे। इसबीच केवलारी निवासी दीपक झारिया का काल आया। उसने कलेक्टर सिंह को बताया कि मेरे पिता का उपचार बालाघाट से चलता है। मैं उनकी दवा लाने के लिए वाहन की अनुमति चाह रहा हूं। इस पर कलेक्टर बोले कि दवा की पर्ची भेज दीजिए। बालाघाट से दवा मंगाकर उपलब्ध करा दिया जाएगा। कलेक्टर के निर्देश के बाद कार्यालय के कर्मचारी ने युवक से संपर्क कर दवा की पर्ची व चिकित्सक का नंबर लेकर बात किया और दवा मंगाने का प्रोसेस चालू कर दिया।
केवलारी के युवक ने काल कर बालाघाट से पिता की दवा लाने के लिए अनुमति मांगी थी। मैंने बालाघाट से दवा मंगवाकर शनिवार को उसके पिता को उपलब्ध करा दिया गया है। इसके पूर्व मेरे मोबाइल पर जर्मनी के नंबर से काल आया था। काल करने वाले ने खुद को मुख्यमंत्री का स्टेनो बताते हुए अनुमति देनी की बात कही थी। मैंने जब दवा मंगाकर उपलब्ध कराने के लिए प्रोसेस चालू कर दिए जाने की बात कही तो दुबारा काल आया। संदेह होने पर जांच कराई तो काल फेंक निकला। जांच के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
– प्रवीण सिंह, कलेक्टर सिवनी