बच्चों ने बाल मेले में की जमकर बिक्री –
बाल मेले के माध्यम से बच्चों में व्यापारिक गुणों के विकास को ध्यान में रखते हुए बाल दिवस पर नगर के भैरोगंज स्थित सरस्वती विद्यालय परिसर में बाल मेला आयोजित किया गया। इसमें बच्चों ने अपनी रूचि अनुसार स्टॉल लगाकर व्यवसाय किया। इससे व्यवसाय में होने वाले लाभ-हानि, आवश्यक तैयारियों, सावधानियों के विषय में बच्चों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त हुआ। भविष्य में वे किस तरह व्यापार करेंगे इसकी समझ भी बढ़ी।
विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं ने विशेष उत्साह दिखाते हुए 40 स्टॉल लगाए। स्टॉलो में विभिन्न प्रकार खाद्य सामग्री, भोज्य एवं पेय पदार्थ रखे गए जिसका सभी ने भरपूर आनंद लिया। बच्चों के चेहरे पर खुशी की चमक अलग ही दिखाई पड़ी। इसमें विद्यार्थियों, अभिभावकों, परिजनों, नागरिकों ने आनंदमेले का आनंद लिया। बालमेला आयोजित करने प्राचार्य अनिता मिश्रा, प्रधानाचार्य, अरविन्द शर्मा, विवेकानंद बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों में नूपेश ठाकुर अध्यक्ष, प्रवीण मिश्रा उपाध्यक्ष, सुभाष नंदनवार व्यवस्थापक, मुकेश सदाफल सदस्य, राजेन्द्र सनोडिया जिला सचिव, कल्पना मिश्रा सदस्य आदि की उपस्थिति रही।
पुरातत्व संग्रहालय पहुंच जाना महत्व –
बाल मेले के माध्यम से बच्चों में व्यापारिक गुणों के विकास को ध्यान में रखते हुए बाल दिवस पर नगर के भैरोगंज स्थित सरस्वती विद्यालय परिसर में बाल मेला आयोजित किया गया। इसमें बच्चों ने अपनी रूचि अनुसार स्टॉल लगाकर व्यवसाय किया। इससे व्यवसाय में होने वाले लाभ-हानि, आवश्यक तैयारियों, सावधानियों के विषय में बच्चों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त हुआ। भविष्य में वे किस तरह व्यापार करेंगे इसकी समझ भी बढ़ी।
विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं ने विशेष उत्साह दिखाते हुए 40 स्टॉल लगाए। स्टॉलो में विभिन्न प्रकार खाद्य सामग्री, भोज्य एवं पेय पदार्थ रखे गए जिसका सभी ने भरपूर आनंद लिया। बच्चों के चेहरे पर खुशी की चमक अलग ही दिखाई पड़ी। इसमें विद्यार्थियों, अभिभावकों, परिजनों, नागरिकों ने आनंदमेले का आनंद लिया। बालमेला आयोजित करने प्राचार्य अनिता मिश्रा, प्रधानाचार्य, अरविन्द शर्मा, विवेकानंद बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों में नूपेश ठाकुर अध्यक्ष, प्रवीण मिश्रा उपाध्यक्ष, सुभाष नंदनवार व्यवस्थापक, मुकेश सदाफल सदस्य, राजेन्द्र सनोडिया जिला सचिव, कल्पना मिश्रा सदस्य आदि की उपस्थिति रही।
पुरातत्व संग्रहालय पहुंच जाना महत्व –
बाल दिवस पर विद्यालयों का शैक्षणिक भ्रमण जिला पुरातत्व संग्रहालय सिवनी में किया गया। छात्रों को सिवनी में उपलब्ध पुरावस्तुओं के रक्षण, परिरक्षण को महत्वपूर्ण बताते हुए उनके प्रदर्शन के लिए शासन, सामान्य प्रशासन एवं जिला प्रशासन को इसे प्रत्येक स्कूलों के लिए अनिवार्य शैक्षणिक भ्रमण किया जाना आवश्यक बताया। पुरावस्तुओं के नवीन तकनीकि से प्रदर्शन की आवश्यकता से पुरातत्व विभाग से अवगत कराया। पुरातत्व संग्रहालय का निरीक्षण करने पहुंचे नागरिकों ने कहा कि यही एक मात्र ऐसी जगह है, जो प्रमाणिक है तथा जिनके प्रमाणिकता वर्षों तक बनाए रखने के लिए आवश्यक है। इस ओर जनमानस पर्यटकों एवं विद्यार्थियों को आकर्षित किया जाना है। इसमें समाज सेवी संस्थाओं के साथ-साथ शैक्षणिक संस्थाओं को भी आगे आना होगा। वरन ये प्राचीन धरोहर केवल प्रदर्शन की वस्तु न रहकर रह जाए यह चिंता व्यक्त करते हुए नागरिकों ने संग्रहालय को पाठ्यक्रमों में अनिवार्य करने के साथ-साथ यहां केन्टीन, गार्डन आदि बनाए जाने को समय की आवश्यकता बताया। इस अवसर पर समस्त छात्रों ने राष्ट्रभक्ति का संकल्प लेते हुए पुरावस्तुओं को बचाने का संकल्प लिया।