सिवनी. एक जुलाई से 15 जुलाई तक नीम बीज रोपण सहित अन्य प्रजाति के पौधों के रोपण, सुरक्षा और उनकी सिंचाई के लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश संभाग आयुक्त आशुतोष अवस्थी ने कलेक्टर गोपालचंद्र डाड को दिए हैं। उन्होंने वीडियो कांफे्रंसिंग से समूचे जिले में हरियाली को समृद्ध करने के लिए पौधारोपण
कार्य से जनप्रतिनिधियों सहित समाज के सभी वर्गों को जोडऩे को कहा है।
संभागायुक्त ने निर्देशित किया कि कलेक्टर पौधारोपण कार्य की स्वयं मॉनीटरिंग करें। पौधारोपण का कार्य संख्यात्मक नहीं बल्कि परिणाममूलक होना चाहिए। यानि पौधे रोपने से लेकर उनकी सुरक्षा व सिंचाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। कलेक्टर जिले की पर्यावरणीय पारिस्थितिकी के हिसाब से पौधारोपण की रणनीति तैयार करेंगे। प्रत्येक ग्राम में ग्राम पंचायत द्वारा न्यूनतम 50 किलो नीम बीज का रोपण किया जाएगा। प्रत्येक कार्यालय, शाला भवन, पंचायत, छात्रावास, आंगनबाड़ी, पशु औषधालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, पटवारी, राजस्व निरीक्षक के शासकीय भवनों, आवासों तथा अन्य शासकीय भवनों के परिसर में मटका थिम्बक सिंचाई पद्धति से सिंचाई की व्यवस्था कर पौधारोपण वृक्षारोपण किया जाए।
संभाग आयुक्त ने कहा कि अभियान का प्रमुख घटक है नीम बीजरोपण। प्रत्येक ग्राम पंचायत को 50-50 किलो निम्बोली एकत्रित करनी होगी और एक जुलाई से 15 जुलाई के मध्य गांव-गांव में अभियान चलाकर झाडिय़ों और चरनोई भूमियों पर इन बीजों का रोपण करना होगा। रोपित बीज अंकुरित होकर 7 वर्षों में वृक्ष बनकर गांवों तथा क्षेत्र का पर्यावरण संतुलित करेंगे।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के हितग्राहियों के घर के आसपास भी फलदार पौधे लगवाए जाएंगे। ग्राम पंचायत द्वारा प्रत्येक ग्राम के अधिक से अधिक परिवारों के घर के आसपास पांच-पांच फलदार पौधों का रोपण कराया जाएगा। प्रत्येक ग्राम में पांच स्थानों पर त्रिवेणी वृक्षों पीपल, बरगद और नीम का रोपण और संरक्षण किया जाए। नर्मदा बेसिन में वृक्षारोपण की तैयारी की जाए तथा वृक्षारोपण अभियान 2018 का सफल क्रियान्वयन किया जाए।
एक जुलाई से 15 जुलाई तक गांव-गांव में अभियान चलाकर शाला, आंगनबाड़ी और अन्य शासकीय परिसरों में प्रत्येक में आठ छायादार वृक्षों का रोपण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण में सरकारी
तंत्र के अलावा गैर सरकारी संगठन की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। वृक्षारोपण के सम्बन्ध में हर व्यक्ति को स्वयं एक कार्यकर्ता बनना होगा। संभागायुक्त ने कहा कि पौधारोपण के लिए कृषि, उद्यानिकी, कृषि विज्ञान केन्द्रों से मास्टर ट्रेनर्स से प्रशिक्षण दिलाएं। उन्होंने कहा पौधारोपण के इस कार्य से सरपंच, सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पटवारी, कोटवार, शिक्षक, परियोजना संचालक आत्मा, कृषि, उद्यानिकी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना के परियोजना क्रियान्वयन इकाईयों को भी भागीदार बनाया जाएगा।
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