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सिवनी

अंकुरित होकर सडऩे लगे ओपेन केप में रखे धान, महकमा धूप दिखाने में जुटा

– नरेला ग्राम के ओपेन केप में दिखे अंकुरित धान – परिवहन नहीं पकड़ रही गति, नागरिक आपूर्ति निगम बना लापरवाह

सिवनीFeb 18, 2020 / 08:53 pm

akhilesh thakur

अंकुरित होकर सडऩे लगे ओपेन केप में रखे धान, महकमा धूप दिखाने में जुटा

अंकुरित होकर सडऩे लगे ओपेन केप में रखे धान, महकमा धूप दिखाने में जुटा

सिवनी. ओपेन केप नरेला में भण्डारित धान अंकुरित होकर सडऩे लगे हैं। ओपेन केप प्रभारी और वहां तैनात करीब 22 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी धान नहीं बचा पा रहे हैं। लेकिन वेतन नियमित ले रहे हैं। उनकी माने तो अंकुरित धान से कोई नुकसान नहीं है। अंकुरित होकर सड़ रहे धान के संबंध में किए गए सवाल पर वे कोई जवाब नहीं दे पाएं।

जिला मुख्यालय से करीब नौ किमी दूर नरेला के ओपेन केप में 339 मिट्रिक टन धान के 333 स्टेग (टीला) बने हैं। इन धानों को सुरक्षित रखने के लिए केप को प्लास्टिक उपलब्ध कराया गया है। सात जनवरी तक इसके रख-रखावा के लिए मध्यप्रदेश विपणन संघ की ओर से 30 लोगों को दैनिक वेतन पर रखा गया था। सात जनवरी को अंतिम बार यहां धान भण्डारण के लिए आया था। इसके बाद रख-रखाव के लिए तैनात लोगों की संख्या 30 से घटकर 22 कर दी गई। इसमें आठ लोग रात के समय ड्यूटी देते हैं। सभी को नियमानुसार भुगतान किया जाता है। इसकी पुष्टि ओपेन केप प्रभारी ने की है।

इसके बाद भी उक्त धान को भीगने, सडऩे और अंकुरित होने से बचाने में महकमा नाकाम है। साथ ही मॉस्च्यर को लेकर किए जा रहे तमाम दांवे की पोल भी अंकुरित हो रहे धान खोल रहे हैं। ओपेन केप पर तैनात एक कर्मचारी की माने तो भण्डारित करते समय ट्रक से आने वाले धान के मॉस्च्यर अधिक होने पर भी भण्डारित कर लिया गया है। इसका नतीजा है कि धान सडऩे लगे हैं।
उक्त कर्मचारी की माने तो यदि शीघ्र ही यहां के धानों को मिलर्स को नहीं दिया गया तो सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान होगा। ओपेन केप के प्रभारी दिलीप अवधिया का कहना है कि अंकुरित धान से कोई नुकसान नहीं है। धान को धूप दिखाया जा रहा है। इसकी सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं। सड़े धान से नुकसान होगा या नहीं इस संबंध में उनके पास कोई जवाब नहीं है।
परिवहन नहीं पकड़ रही गति, नागरिक आपूर्ति निगम बना लापरवाह
सिवनी. रानीताल का धान छिंदवाड़ा जाते हुए छपारा पुलिस ने पकड़ा और छोड़ दिया। पकड़े जाने के बाद धान रानीताल में उतारा गया। इस मामले में डीएसओ सनद मिश्रा ने बताया था कि ट्रांसपोर्टर को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया है। इस मामले में नागरिक आपूर्ति निगम ने अभी नोटिस जारी नहीं किया है।
इसके अलावा किसानों से क्रय किए गए धान केन्द्रों पर खुले में पड़े हैं। मंगलवार तक सभी धानों के परिवहन किए जाने का दांवा भी किया गया था। लेकिन मंगलवार की देर शाम तक बड़ी संख्या में धान के परिवहन होने शेष थे। कलेक्ट्रेट कार्यालय, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग और नागरिक आपूर्ति निगम परिवहन की गति तेज करने को लेकर निगाह जमाए हुए हैं। कलेक्टर लगातार बैठक लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं। इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
खास है कि नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक ललित झारिया के मोबाइल नंबर 9827363523 पर ट्रांसपोर्टर को नोटिस जारी करने और परिवहन की प्रगति के संबंध में सोमवार व मंगलवार को संपर्क करने की कोशिश की गई। लेकिन रिंग नहीं गया। उनको टैक्स मैसेज किए गए हैं। इस संबंध में सोमवार को कार्यालय में प्रबंधक से संपर्क करने का प्रयास किया गया। वे नहीं मिले।
वहां मिले पांडेय ने कर्मचारी से बात कर बताया कि नोटिस जारी नहीं हुआ है। इस संबंध में अधिक जानकारी प्रबंधक ही दे पाएंगे। खास है कि कार्यालय में फोटोस्टेट कर रहे एक कर्मचारी ने बताया कि हमलोग बहुत काम करते हैं। जानकारी नहीं दे सकते हैं। उक्त कर्मचारी ने वहां अपने से सीनियर पांडेय की उपस्थिति में यह बात कही। खास है कि मिलर्स से पुराने धान के मामले में वसूली करने में निगम नाकाम है। चावल की गुणवत्ता व उसको पास किए जाने के मामले को लेकर निगम हमेशा विवादों में रहा है।
धान बेचने वाले सैकड़ों किसान पैसे के लिए महीनों से परेशान है। उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। इन सबके बीच कार्यालय में तैनात कर्मचारी कितना कार्य कर रहे हैं। इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
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