घटना की जानकारी के मुताबिक नागपुर से बाइक सवार मुनेश्वर भैरव (४०) अपनी मां कौशल्या भैरव शुक्रवार को दोपहर में (६०) को लेकर अपने गांव कटंगी के समीप गुटरूघाट आ रहा था। इसी दौरान खवासा टोल प्लाजा पार करने के बाद जब वे अपनी गति से चले जा रहे थे, तभी पीछे से ट्रक क्रमांक एमपी ०७ एचबी २४८३ के चालक ने पीछे से जोरदार टक्कर मार दी।
ट्रक से बाइक टकराते हुए बाइक सवार अनियंत्रित होकर सड़क पर गिर गए, जिन्हें लापरवाह ट्रक चालक ने गति नियंत्रित नहीं कर पाया और कुचल दिया। इससे मां-बेटे की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। हालात देखकर लोग सन्न रह गए। लोगों ने एम्बूलेंस को बुलाया और क्षत-विक्षत शवों को अस्पताल भेजा गया।
सफर में भाई-मां सदा के लिए बिछुड़े
एक अन्य बाइक पर मृतक मुनेश्वर के भाई तोमर सिंह भैरव भी अपने परिवार को लेकर नागपुर से आ रहे थे। बताया कि नागपुर से दोनों भाई अलग-अलग बाइक से गांव जाने के लिए सफर पर निकले थे, लेकिन आगे-पीछे होने के कारण मुनेश्वर सीधे हाइवे से खवासा तक पहुंचे, जबकि तोमर सिंह रामटेक वाले रास्ते से चले गए थे। तोमर सिंह ने कहा कि साथ ही साथ चलते तो शायद उनका भाई और मां सफर में सदा के लिए नहीं बिछड़ते। मोबाइल पर सूचना मिलने पर तोमरसिंह को खबर मिली तो वे सन्न रह गए और फिर खवासा की ओर आए।
सड़क पर लगती है ट्रकों की कतार –
खवासा से सुकतरा के बीच ढाबा, चाय-पान व टायर आदि दुकानें हैं। जिससे यहां ट्रकों की कतार दिन-रात लगी रहती हैं, इनके कारण सड़क कम चौड़ी रह जाती है, इससे सड़क हादसे होते हैं। इस दिशा में कई बार क्षेत्रीय नागरिक प्रशासन-पुलिस का ध्यान आकर्षित कर ट्रकों को सड़क से नीचे खड़े करवाए जाने की मांग करते हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही है।
ट्रक से बाइक टकराते हुए बाइक सवार अनियंत्रित होकर सड़क पर गिर गए, जिन्हें लापरवाह ट्रक चालक ने गति नियंत्रित नहीं कर पाया और कुचल दिया। इससे मां-बेटे की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। हालात देखकर लोग सन्न रह गए। लोगों ने एम्बूलेंस को बुलाया और क्षत-विक्षत शवों को अस्पताल भेजा गया।
सफर में भाई-मां सदा के लिए बिछुड़े
एक अन्य बाइक पर मृतक मुनेश्वर के भाई तोमर सिंह भैरव भी अपने परिवार को लेकर नागपुर से आ रहे थे। बताया कि नागपुर से दोनों भाई अलग-अलग बाइक से गांव जाने के लिए सफर पर निकले थे, लेकिन आगे-पीछे होने के कारण मुनेश्वर सीधे हाइवे से खवासा तक पहुंचे, जबकि तोमर सिंह रामटेक वाले रास्ते से चले गए थे। तोमर सिंह ने कहा कि साथ ही साथ चलते तो शायद उनका भाई और मां सफर में सदा के लिए नहीं बिछड़ते। मोबाइल पर सूचना मिलने पर तोमरसिंह को खबर मिली तो वे सन्न रह गए और फिर खवासा की ओर आए।
सड़क पर लगती है ट्रकों की कतार –
खवासा से सुकतरा के बीच ढाबा, चाय-पान व टायर आदि दुकानें हैं। जिससे यहां ट्रकों की कतार दिन-रात लगी रहती हैं, इनके कारण सड़क कम चौड़ी रह जाती है, इससे सड़क हादसे होते हैं। इस दिशा में कई बार क्षेत्रीय नागरिक प्रशासन-पुलिस का ध्यान आकर्षित कर ट्रकों को सड़क से नीचे खड़े करवाए जाने की मांग करते हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही है।