काश्तकारों को मुआवजा देने की कार्रवाई को आगे नहीं बढ़ा पा रहा प्रबंधन
शाहडोल•May 28, 2022 / 02:54 pm•
shubham singh
115 trees were found in the first survey, trees disappeared in the second survey
धनपुरी. एसईसीएल सोहागपुर एरिया का मेगा प्रोजेक्ट रामपुर जिसे खोलने के लिए प्रबंधन एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है लेकिन यहां पर अब एक नया मामला काफी सुर्खियों में बना हुआ है। यहां जमीनों का मुआवजा वितरण लगातार काश्तकारों को किया जा रहा है अब पेड़ों के भी मुआवजे वितरण को लेकर कार्रवाई आगे बढ़ाई जा रही है। यहां पर पेड़ों का मुआवजा देने को लेकर प्रबंधन भी कशमकश में फंसा हुआ है। क्योंकि यहां पर पूर्व में पेड़ों के मुआवजा वितरण को लेकर सर्वे अधिकारियों ने सर्वे किया गया था। उसके बाद जब पेड़ों का मुआवजा देने की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा रहा तो नए सर्वे अधिकारियों को वहां पेड़ नजर ही नहीं आ रहे जिनकी पर लगे पेड़ों को पूर्व में किए गए सर्वे में दिखाया गया था। पूर्व में सर्वे विभाग ने 115 पेड़ का करीब 12 लाख रुपए मुआवजा बनाया गया था यहां पर जो पेड़ लगे थे वह सागौन के थे जिनकी कीमत भी काफी अधिक होती है लेकिन अब दोबारा कराए गए सर्वे में उन स्थलों में पेड़ ही गायब हो गए। सर्वे के बाद विभाग में पूरी रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय को सौंप दी है अब एक बात पर सवाल यह उठता है कि खदान खोलने की प्रक्रिया लगभग करीब है ऐसे में अब प्रबंधन के समक्ष यह एक नई समस्या आ खड़ी हुई है।
सेवानिवृत्त हो गए पहले के अधिकारी
बताया जाता है कि पूर्व में सोहागपुर एरिया में पदस्थ रहे सर्वे अधिकारी जो कि अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसी तरह एक अन्य सर्वे अधिकारी जिनका स्थानांतरण दूसरी कंपनी में हो गया है उन्होंने यहां पर घरों में एवं जमीनों में लगे पेड़ों का सर्वे कराया गया था ताकि सर्वे कराने के बाद मुआवजा का वितरण किया जा सके। काश्तकारों को जमीनों का मुआवजा पहले ही दिया जा चुका है। अब पेड़ों के मुआवजा देने की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा रहा है। इसी को देखते हुए पूर्व में किए गए सर्वे के बाद मुआवजा वितरण को लेकर अब जब नए अधिकारी यहां जा रहे हैं तो उन्हें पेड़ ही नजर नहीं आ रहे। ऐसे में मुआवजा वितरण कैसे किया जाए। सर्वे करने के बाद पूरी रिपोर्ट एरिया महाप्रबंधक को सौंपी गई है। अधिकारी जब सर्वे किए गए स्थान पर जाते हैं तो वहां पर मैदान पर पेड़ नजर नहीं आ रहे हैं। जब इस संबंध में काश्तकारों से पूछा जाता है तो तरह-तरह के जवाब दिए मिल रहे हैं।