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शाहडोल

आखिर शासन ने किसानों के साथ एैसा क्यों किया?

खुद का परिवहन व्यय बचाने किसानों पर लाद दिया बोझ

शाहडोलDec 07, 2017 / 12:48 pm

Shahdol online

After all why did the government make such a deal with the farmers?

After all why did the government make such a deal with the farmers?

शहडोल। किसानो का हितैषी बताने वाली सरकार ने अपने परिवहन का व्यय बचाने के लिये किसानों को मूसीबत में डाल दिया है। जिले के तीन प्राईवेट गोदामो में धान उपार्जन केन्द्र स्थापित नही किया गया है। इस लेकर कार्यालय कलेक्टर से दो पत्र जारी किये गये हैं। पहले पत्र में यह बात स्पष्ट तौर पर कही गई है कि परिवहन व्यय कम करने एवं तत्काल भण्डारण हो सकने का उल्लेख किया गया है। वहीं दूसरे पत्र में दूरी कम होने का हवाला देकर नगर से लगे उपार्जन केन्द्र छतवई, जमुई व सोहागपुर की धान खरीदी नरसरहा डीपो के समीप स्थित गोदाम में कराये जाने का हवाला दिया गया है।
कम होगा परिवहन का व्यय
कलेक्टर कार्यालय से 22 नवम्बर 2017 को जारी पत्र क्रमांक / दो – खाद्य / 2017 / 1015 में प्रमुख सचिव द्वारा 10 नवम्बर को आयोजित संभाग स्तरीय बैठक में दिये गये निर्देश का हवाला देते हुये उपार्जन नीति के बिन्दु क्रमांक 54 (11,2,3,4) में दिये गये निर्देशों का जिलों में पालन कराये ताकि परिवहन का व्यय कम हो एवं तत्काल भण्डारण हो सके। जारी पत्र में कहा गया है कि भण्डारण स्थल स्काई लाईन एग्रो प्रायवेट गोदाम गोरतरा शहडोल की भण्डारण क्षमता 1000 एमटी है और गोदाम से जमुई, छतवई व सोहागपुर उपार्जन केन्द्र 20 किलोमीटर की परिधि में आते हैं। इनकी अनुमानित खरीदी मात्रा लगभग 1621 एमटी है। जिसे देखते हुये सोहागपुर, जमुई व छतवई द्वारा स्काई लाईन एग्रो गोदाम परिसर में उपार्जन कराये जाने के लिये समितियों को निर्देशित किया जाये। वहीं दूसरे पत्र क्रमांक / दो – खाद्य / 2017 / 1032 में प्रबंधक एमपी वेयर हाउस लाजिस्ट्रिक्ट कार्पो के निर्देश का हवाला दिया गया है। जिसमें कहा गया है कि स्काई लाईन वेयर हाउस (प्राईवेट गोदाम) को इस वर्ष पूर्व निर्धारित दर पर नही लिये जाने के निर्देश प्राप्त हुये हैं। जिस कारण उक्त गोदाम में उपार्जन केन्द्र स्थापित नही किया जाना है। अत: पत्र क्रमांक १०१५ के जारी आदेश में संशोधन करते हुये उपार्जन मार्कफेड गोदाम ग्राम नरसरहा डीपो में किये जाने की बात कही गई है।
किसानो में बढ़ा आक्रोश
नरसरहा डीपो को उपार्जन केन्द्र बनाये जाने से जमुई व छतवई से जुड़े किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इन केन्द्रो से लगभग 20 से 25 किलोमीटर दूर बसी ग्राम पंचायते जुड़ी हुई है। जहां से किसानों को इतनी दूर अनाज लाने में जहां परेशानी का सामना करना पड़ेगा। वहीं इससे किसानों के सर पर परिवहन का बोझ भी बढ़ेगा। क्षेत्रीय किसानों का कहना है कि वह पहले से ही अल्प वर्षा के चलते सूखे की मार झेल रहे हैं ऊपर से शासन के इस निर्णय ने उन्हे और भी मुसीबत में डाल दिया है। उक्त केन्द्रो से जुड़े किसानो ने शासन प्रशासन से मांग की है कि उक्त केन्द्रो को यथावत रखा जाये। जिससे उन्हे कुछ हद तक राहत मिलेगी। शासन द्वारा उक्त केन्द्रो को बंद कर उन पर परिवहन का अतिरिक्त बोझ थोपा जा रहा है।

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