इस दौरान अधिकांश लोग पानी के बीच से ही वाहन निकालते हुए नजर आए। घुटनों तक पानी होने की वजह से कई वाहन बीच में ही आकर फंस गए थे। कई लोग ट्रेनों की आवाजाही के बीच जान खतरे में डालकर पटरियां पार कर रहे थे। इस दौरान कई ट्रेन आने की वजह से अफरा-तफरी की स्थिति भी बनी। इस दौरान सुरक्षा के लिहाज से किसी को तैनात भी नहीं किया गया था। यहां पर न तो पुलिसकर्मी मौजूद थे और न ही रेलवे से जुड़े कर्मचारी थे। इसके अलावा होमगार्ड विभाग से भी कोई तैनात नहीं था।
कॉलोनाइजर का कारनामा, फ्लाइओवर की मांग
पोंडानाला में आसपास के कई क्षेत्रों का पानी आकर नदी में मिल जाता है। यहां पर कॉलोनाइजर ने सरकारी भूमि से निकले नाले को पाटकर उसका स्वरूप ही बदल दिया था। नाले को पाटकर कॉलोनी बना दी गई है। बताया जाता है कि पूर्व में यहां पर स्टाप डैम भी था लेकिन कॉलोनाइजर ने नाले और स्टाप डैम को ही पूरी तरह खत्म कर दिया है। इसके चलते यहां पर आने वाला पानी सीधे पोंडा नाला में भर जाता है। बारिश के अलावा भी अन्य दिनों में यहां पर पानी का भराव होता है। इसके चलते आसपास के ग्रामीणों को भी आवागमन करने में समस्या होती है। लंबे समय से यहां के ग्रामीण फ्लाइओवर को लेकर मांग कर रहे हैं लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है। बारिश में आवागमन बंद हो जाता है।
इंसुलेटर-डिस्क जला, पूरे शहर में नहीं हुई पेयजल सप्लाई
बारिश और चमक-गरज के बीच सरफा संयंत्र में लगा इंसुलेटर और ***** चल गया। शुक्रवार की देर रात इंसुलेटर जलने की वजह से शनिवार को पूरे शहर में पेयजल सप्लाई नहीं हो सकी। दरअसल सरफा संयंत्र से पूरे शहर में पेयजल सप्लाई होती है। शुक्रवार की देर रात अचानक चमक-गरज के बीच प्लांट का इंसुलेटर और ***** जल गया। शनिवार की सुबह कर्मचारियों ने सुधार कार्य शुरू किया लेकिन बारिश होने की वजह से पूरा नहीं हो सका। बताया गया कि बिजली पोल में सुधार कार्य करना था लेकिन बारिश की वजह से इंसुलेटर ***** नहीं सुधार पा रहे थे। देर शाम तक सरफा में सुधार कार्य चलता रहा। रात ८ बजे कर्मचारियों की टीम ने इंसुलेटर सुधारा है। बताया गया कि सरफा से पेयजल सप्लाई न होने की वजह से शहर के पांच हजार नल कनेक्शनो तक पेयजल नहीं पहुंचा। इसके चलते लोग परेशान रहे। सुबह से हैंडपंप में लोगों की कतार लगी रही। अधिकारियों के अनुसार, रविवार से पेयजल सप्लाई होगी।