शिविर कैसिंल हो गए, लगा कैसे संभालेंगे मरीज
डॉ सुधा नामदेव के अनुसार, लॉकडाउन के दौरान कोरोना संक्रमण के लेकर जब लोग एक-दूसरे के पास भी नहीं जाना चाहते थे। लोग घर से बाहर निकलने में डर रहे थे। रक्तदान के लिए लगने वाली शिविर भी कैंसिल हो गई थी। उस दौरान उन्होने हिम्मत नहीं हारी और सोशल मीडिया के सहारे लोगों को घरों से निकलकर रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद तो सामान्य दिनों की अपेक्षा रेकार्ड मात्रा में ब्लड बैंक में ब्लड एकत्रित हुआ। लॉकडाउन के अप्रैल एवं मई माह में 390 यूनिट ब्लड एकत्रित किया था। साल के अंत दिसंबर में 503 यूनिट डोनेट कराया। डॉ सुधा के अनुसार, ब्लड बैंक में लॉकडाउन के दौरान फरवरी और मार्च में सिफ्र 30 यूनिट ब्लड बचा था। ऐसे में लग रहा था कि थैलीसीमिया और सिकल सेल जैसे मरीजों को भी ब्लड एक्सचेंज कराकर ब्लड देना पड़ेगा।
फरवरी 2020 में 120, फरवरी 2021 में 705 यूनिट डोनेट
ब्लड बैंक में फरवरी एवं मार्च माह में 120 यूनिट ब्लड एकत्रित हुआ था। इस दौरान दो शिविर कैसिंल हो गए थे। इसके बाद लॉकडाउन की घोषणा हो गई थी। ब्लड बैंक प्रभारी ने सोशल मीडिया का सहारा लेना शुरू किया। उनका मकसद था कि लॉकडाउन में भी जिन मरीजों को बिना एक्सचेंज के ब्लड मिलता है उनको मिलता रहे। सोशल मीडिया पर वे रक्तदान करने वालों को रक्तदान के लिए प्रेरित करती रहीं और ब्लड बैंक में रक्तदान किया। इस तरह लॉकडाउन में सामान्य दिनों से ज्यादा ब्लड एकत्रित हो गया। हालात यह थे कि फरवरी 2020 में सिर्फ 120 यूनिट रक्तदान हुआ था। जबकि फरवरी 2021 में 705 यूनिट रक्तदान कराया है।
जून, जुलाई और अगस्त माह में ब्लड 250 यूनिट और सितंबर माह में 110 यूनिट ब्लड एकत्रित हुआ था। इसके बाद अक्टूबर माह में स्वैच्छिक रक्तदान माह मनाया गया। अक्टूबर में 175 यूनिट ब्लड मिला था। इसी तरह अक्टूबर में 566, नवंबर में 470, दिसंबर में 503, जनवरी में 484 और फरवरी में 705 यूनिट रक्तदान डॉ सुधा नामदेव ने स्टाफ के साथ मिलकर कराया है।
मेरी इच्छा है कि जाते जाते किसी को ब्लड की कमी न देख सकूं
ब्लड बैंक प्रभारी डॉ सुधा नामदेव को रिटारयमेंट होने में महज तीन दिन बाकी था। इस पर उन्होंने आदर्श प्रस्तुत करते हुए ब्लड बैंक में खुद ब्लड डोनेट किया। उनको देखकर उनके साथ में काम करने वाले पैरामेडिकल स्टाफ और टेक्निीशियन आगे आए और सबने साथ में ब्लड डोनेट किया। 20 यूनिट ब्लड डोनेट हो गया। डॉ सुधा नामदेव ने कहा कि मेरी इच्छा है कि जाते समय भी ब्लड बैंक में ब्लड की कोई कमी नहीं रहे। इसलिए अपने स्टाफ के सभी कर्मचारियों के साथ ब्लड बैंक में ब्लड डोनेट करने का निर्णय लिया। ब्लड डोनेट कर बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। दूसरे लोगों को भी आगे आकर ब्लड डोनेट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे सेवाकाल के दौरान हमेश दूसरे लोगों को ब्लड डोनेट के लिए प्रेरित किया है। आगे भी लोग इसी तरह ब्लड बैंक में ब्लड डोनेट करते रहे, जिससे ब्लड बैंक में जरूरतमंद लोगों को ब्लड मिलता रहे। मेरे रिटायरमेंट के समय अभी ब्लड बंैक में पर्याप्त ब्लड है। अभी ब्लड बैंक में 180 यूनिट ब्लड एकत्रित है।