शहडोल. एकात्म यात्रा में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जो लोग रोज बम गिराने की धमकियां देते हैं, उससे दुनिया में शांति आने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और अह्मवाद का निराकरण शंकराचार्य के एकात्मवाद से संभव है। उन्होंने कहा कि आदिगुरु शंकराचार्य का अद्वैत्व वेदांत कहता है कि हर एक आत्मा-परमात्मा का अंश है, सारा विश्व एक ही परिवार है। जीव जंतु-पेड़-पौधौं सभी परम् ब्रम्ह का अंश हैं, हमारे वेदों ने हजारों साल से वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा पर चलते हए सभी की सद्भावना, सभी के सुखमय जीवन, सभी के निरोगमय जीवन की कामना की है। हमारे वेदों ने विश्व का कल्याण हो, प्राणियों में सद्भाव हो का घोष किया है। उन्होंने कहा कि हमारे भारतीय दर्शन ने विश्व के कल्याण की कामना की है तथा सभी जीव-जंतुओं, पशु-पक्षियों, पेड़-पौधों के भी कल्याण की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदि शंकराचार्य का दर्शन हमें एकता के सूत्र में बंधकर विश्व के कल्याण की ओर प्रशस्त करता है।
कई देश युद्ध के कगार पर खड़ेमुख्यमंत्री ने कहा कि आज विश्व में आपसी विवादों को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है। कई देश युद्ध के कगार पर खड़े हैं और अपने अह्म के कारण विनाशकारी हथियारों के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व को संकट में डालने में आमादा हैं, ऐसी परिस्थितियों में आदिशंकराचार्य का एकात्मवाद विश्व को शांति और सुखमय जीवन की ओर ले जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिशंकराचार्य का दर्शन सामाजिक समरसता, एकता और बंधुता का संदेश देता है, इसे सभी को अंगीकार करते हुए समाज में बंधुता और समरसता पैदा करने में सहयोग करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का वर्तमान का स्वरूप नहीं बचता अगर आदिशंकराचार्य नहीं होते। उन्होंने कहा कि भारत में अनेक राजा थे मगर भारत एकता के सूत्र में बंधा रहा, जिसका कारण आदिशंकराचार्य का एकात्मवाद था। उन्होंने कहा कि आदिशंकराचार्य ने देश में चार पीठों की स्थापना की तथा भारत के सनातन धर्म की कुरीतियों को दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय दर्शन में जीव-जंतु, पशु-पक्षी, पेड़-पौधों को भी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।
प्रदेश सरकार ने किया सराहनीय प्रयासआचार्य बसंतराव गॉडगिल ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने आदि गुरुशंकराचार्य के अद्वैत्ववाद के दर्शन को जन-जन तक पहुंचाने के लिये लोगों में एकता और बंधुता का भाव पैदा करने के लिये सराहनीय प्रयास किया है। उन्होने कहा कि मध्यप्रदेश देश का मुख्य बिंदु है यहां से विश्व में अद्वैत्ववाद के दर्शन के माध्यम से बंधुता और समरसता और एकता का संदेश पूरे विश्व में जाना चाहिए। जनसंवाद को संबोधित करते हुये आचार्य बसंतराव गॉडगिल ने कहा कि मैं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को भगवान
शिव का अवतार समझता हूं, उन्होने कहा कि आदि
गुरु ? शंकराचार्य के दर्शन को उन्होंने आज जन-जन तक पहुंचाने का अनुकरणीय कार्य किया है। यह एक पवित्र और पुनीत कार्य है, इसकी सभी को सराहना करनी चाहिए। मुख्मयंत्री के इस पवित्र कार्य में सभी को भागीदार बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में मध्यप्रदेश एक आदर्श भूमि है, इस प्रदेश की भूमि से एक पवित्र संदेश पूरे विश्व में फैलाया जा रहा है। उन्होने कहा कि मध्यप्रदेश के इस पवित्र कार्य को अन्य प्रदेशों को भी अपनाना चाहिए। आचार्य गाडगिल ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान को विश्व के कल्याण के लिये 100 वर्ष जीने का आशिर्वाद भी दिया तथा कहा कि विश्व कल्याण और मानव कल्याण के लिये मुख्यमंत्री सदैव स्वस्थ्य और सुखी रहें।
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