परिवार में पांच संक्रमित, दादा का निधन, फिर भी निभाया फर्ज
डॉ अवतार बताते हैं, कोरोना संक्रमण से ठीक हाते ही 15 सितंबर से फिर से ड्यूटी ज्वाइन कर ली थी। उनकी ड्यूटी चर्म रोग के ओपीडी में लगी। इस दौरान कोरोना के मरीज बढ़ते जा रहे थे। उसी दौरान सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में उनके परिवार के पांच लोग कोरोना पॉजिटिव हो गए। इसके बाद उनके दादा भी कोरोना संक्रमित हो गए थे। दादा के कोरोना पॉजिटिव होने पर उनकी हालत खराब होने लगी तो उन्हें मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती करवाया। दो दिन तक उनकी हालत में सुधार हुआ तो लगा कि वे अच्छे हो जाएंगे लेकिन फिर उनकी अचानक हालत बिगड़ी और 10 अक्टूबर को निधन हो गया।
जब परिवार दुख झेल रहा था तब कर रहे थे इलाज
डॉ अवतार बताते हैं, परिवार दुख झेल रहा था तब इलाज में जुटे रहे। डॉ अवतार तीन दिन मेडिकल कॉलेज और तीन दिन जिला अस्पताल में चर्म रोग के ओपीडी में मरीजों की सेवा करते रहे। कोविड ड्यूटी के दौरान वे घर से दूर रहते थे। मेडिकल कॉलेज के स्टाफ के क्वाटर में रहते थे। वे ड्यूटी के बाद से 15 सितंबर तक घर से दूर रहे।
दोबारा कोरोना संक्रमण ने घेरा
मरीजों का इलाज करते हुए डॉ अवतार फिर से कोरोना पॉजिटिव हो गए। 19 अक्टूबर को उनकी कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जिले में यह पहला केस है जिसमें कोई व्यक्ति दो बार कोरोना संक्रमित हुआ है। इसके बाद वे फिर होमआइसोलेशन में चले गए। नवंबर माह में स्वस्थ हुए तो फिर से ओपीडी में उनकी ड्यूटी लगी और वे मरीजों की सेवा करने लगे। कोरोना ठीक होने के बाद भी उनकी दिक्कतें खत्म नहीं हुई। उन्हें कुछ दूर चलने पर सांस फूलने, पैरों में दर्द और शरीर में कमजोरी आ गई। इसके बाद भी वे मरीजों की सेवा करते रहे।