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अपना कलंक छिपाने मासूम को फेका झाडिय़ों में, एक नौकरानी बनी फरिश्ता

मामता शर्मसार: जीप चालक ने नवजात को उठाकर बचाई जान, गम्भीर हालत में नवजात आईसीयू में भर्ती, प्री मेच्योर जन्मा है बच्चा, चींटियों ने कर दिया था उसे लहूलुहान

शाहडोलJul 21, 2018 / 02:17 pm

shivmangal singh

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अपना कलंक छिपाने नवजात को फेका झाडिय़ों में, एक नौकरानी बनी फरिश्ता

अनूपपुर. घर का चिराग पाने माता-पिता मंदिरों, मस्जिद, गुरुद्वारे के चौखटों पर माथा टेक अपनी मुराद पूरी करने हरेक अनुष्ठान करने से नहीं थकते। लेकिन कुछ माताएं उन्हीं चिराग को स्याह रात में जन्म के बाद मौत की नींद सुलाने से भी नहीं चूकते। ऐसी ही मामता को शर्मसार करने वाली एक घटना अनूपपुर नगरपालिका के इंदिरा तिराहा स्थित वार्ड क्रमांक 9 में घटी, जहां एक कलयुगी मां ने शुक्रवार 20 जुलाई की सुबह अपनी कोख से जन्मे नवजात बालक को जन्म के तत्काल बाद गाजर घास की घनी झाडिय़ों के बीच फेंक अपनी ममता का गला घोंट दिया।


ममता बनकर आई फरिश्ता और बचाई जान
नवजात के फेंककर जाने के बाद चीटियों ने उसे नोंच-नोंच कर खाना शुरू कर दिया था। चीटियों के काटने से नवजात के रोने की आवाज आसपास के क्षेत्रों में गूंजने लगी, जहां पास ही किराए के मकान में रह रहे कुछ प्रायवेट कंपनी के कर्मचारियों चालक नीलेश कुशवाहा और उमाकांत जायसवाल के साथ आया (नौकरानी) ममता कहार ने फरिश्ता बनकर बच्चे की जान बचाई। घटना सुबह 8 से 8.30 बजे की बीच की बताई जाती है।


चींटियों ने कर दिया था लहूलुहान
अनूपपुर जलप्रदाय योजना के तहत पाइपलाइन बिछाने वाली प्रायवेट कंपनी के कुछ कर्मचारी वार्ड क्रमांक 9 स्थित एक किराए के मकान में निवासरत है। जहां शुक्रवार की सुबह 8 बजे के आसपास घर के बाहर काम कर रहे कंपनी के चालक नीलेश कुशवाहा ने झाडिय़ों के बीच से किसी नवजात के रोने की आवाज सुनी। शुरूआती समय नीलेश डर गया। लेकिन लगातार बच्चे की रोने की आवाज सुनकर उसने घटना की जानकारी अपने कंपनी कर्मचारी उमाकांत जायसवाल को दी। उमाकांत जायसवाल भी मकान से बाहर आया तो बच्चें के जोर जोर से रोने की आवाज सुनी। फिर दोनों ने हिम्मत दिखाते हुए नीलेश से बच्चे को ढूंढने के लिए कहा। बाद में नीलेश और उमाकांत ने झाडिय़ों के बीच नवजात की तलाश आरम्भ की। इसी दौरान मुख्य मार्ग से लगभग 20 मीटर दूर घनी झाडिय़ों के बीच एक नवजात बालक को खून से लथपथ हालत में पाया। नवजात के पूरे शरीर को चीटियां नोंच-नोंचकर खा रही थी, और बालक दर्द से तड़प-तड़प रो रहा था। चालक नीलेश ने तत्काल ही नवजात को उठाकर अपनी आया(नौकरानी) ममता कहार को थमाई। जहां मां के रूप में ममता कहार ने बच्चे को ममता के आंचल से लपेट पूरे शरीर से चिपकी चीटिंयों को बीनकर हटाया तथा साफ पानी से बच्चे की सफाई की। ममता के अनुसार नवजात का शरीर पूरी तरह से जख्मी हो चुका था। जगह जगह से खून बह रहा था। बच्चे की सफाई के बाद आया सहित कर्मचारियों ने उसे तत्काल उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। फिलहाल नवजात बालक की स्थिति गम्भीर बनी हुई है, जिसका उपचार आईसीयू वार्ड में किया जा रहा है।


पुलिस कर रही है पूछताछ
पुलिस भी मामले में आसपास के लोगों से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है। डॉक्टरों के अनुसार बच्चे की स्थिति सामान्य नहीं मानी जा रही है। चीटियों के काटने के कारण नवजात(बालक) के नाक और मुंह से खून निकल रहा है। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि नवजात प्री-मेच्योर लगभग 7-8 माह का है जिसका वजन लगभग 1 किलो 460 ग्राम है। डॉक्टरों के अनुसार बच्चें के जन्म में किसी जानकार का हाथ है, जहां बच्चा का नाड़ा कटा हुआ पाया गया। फिलहाल नवजात जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड में जिंदगी की सांसे ले रहा है।

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