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शाहडोल

घर पहुंचने की चाह, कई मील पैदल चले, पैरो में छाले पड़ गए पर नहीं रुके कदम

नागपुर, रायपुर, विलासपुर सहित अन्य जगहों से शहडोल पहुंच रहा मजदूर वर्गप्रशासनिक अमला कर रहा हर संभव मदद

शाहडोलApr 06, 2020 / 12:02 pm

Ramashankar mishra

घर पहुंचने की चाह, कई मील पैदल चले, पैरो में छाले पड़ गए पर नहीं रुके कदम

घर पहुंचने की चाह, कई मील पैदल चले, पैरो में छाले पड़ गए पर नहीं रुके कदम

शहडोल. इस आपात काल में घर से दूर रह रहे लोगों को सिर्फ और सिर्फ किसी तरह अपने घर पहुंचने की चाह है। ऐसे में जिसकी जैसी व्यवस्था बन रही है वह उसीसे घर पहुंचने की चाह में निकल पड़ रहे हैं। कोई जंगली रास्ते से तो कोई रेलवे पटरी के किनारे पैदल चलकर मुख्यालय सहित अन्य ब्लाकों में पहुंच रहे है। पिछले एक सप्ताह में हजारों की तादाद में ऐसे लोग पहुंचे हुए हैं। जिनके ठहरने, भोजन व अन्य व्यवस्थाओं के लिए जिला प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे है। साथ ही कुछ देर आराम के बाद उन्हे गंतब्य तक भिजवाने का काम भी किया जा रहा है। दूर-दराज से आने वाले इन लोगों में ज्यादातर मजदूर वर्ग के है। जिनके पास कोई व्यवस्था न होने पर वापस लौट रहे हैं।
गए थे कमाने, दो जून की रोटी के पड़े लाले
जिले से अन्य प्रदेशों व अन्य शहर दो वक्त की रोटी कमाने गए थे लेकिन लॉकडाउन के चलते वहां भी उन्हे दो वक्त की रोटी के लाले पड़ गए। ऐसे में वहां से वापसी के सिवा उन्हे कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। ऐसी विकट परिस्थिति में कोई पैदल निकल पड़ा तो कोई किसी ने किसी साधन से अपने घर पहुंचने के लिए निकल पड़े।
पैदल चले, पांव में पड़ गए छाले
पिछले एक सप्ताह में रायपुर, विलासपुर, नागपुर सहित अन्य स्थानों से हजारों की तादाद में मजदूर वर्ग मुख्यालय पहुंचे है। जिनमें से ज्यादातर ने पैदल ही सफर तय किया। इन मजदूरों के साथ उनके परिवार के अन्य सदस्य भी पैदल ही पूरा सफर तय किया। इस दौरान कुछ नंगे पांव तो कुछ घिसी पिट्टी चप्पल पहनकर पूरा रास्ता तय किया। जिसके चलते कईयों के पैरो में छाले पड़ गए तो कईयों की चप्पलें घिस गई।
जहां जैसी मदद मिली उसी के भरोसे आगे बढ़े
शुक्रवार को नागपुर से शहडोल पहुंचे पठरा निवासी मदन कोल व उनके लगभग 19 साथियों ने बताया कि वहां से लगभग 10 दिन पहले पैदल ही निकले थे। रास्ते में जहां जैसी मदद मिलती गई उसी के भरोसे आगे बढ़ते गए। वहीं गुरुवार को रायपुर से चलकर शहडोल पहुंचे सेजहाई निवासी अखिलेश सिंह, लालमन, राम प्रसाद व नीलेश सिंह ने बताया कि रायपुर मजदूरी करने गए थे। वहां काम बंद होने के चलते घर के लिए पैदल ही निकल पड़े। इस बीच रास्ते में कुछ लोगों ने मदद की और भोजन व अन्य व्यवस्था कर दी। साथ ही कुछ दूर के लिए वाहन की भी व्यवस्था हो गई। लगभग छ: दिन के सफर के बाद वह शहडोल पहुंचे हुए है।

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