आपको बता दें कि, जिला अस्पताल में आग लगने का ये कोई पहला मामला नहीं है। बीते सप्ताह भी अस्पताल के ब्लड बैंक में शार्ट सर्किट के चलते आग लगने का मामला सामने आया था। जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड में बिजली सप्लाई के लिए लगाए एमसीबी में अचानक आग भड़क उठी। आग लगने के कारण वार्ड में धुंआ फैल गया, जिसके कारण भर्ती मरीजों में अफरा तफरी फैल गई।
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…वरना विकराल रूप धारण कर लेती आग
हालांकि, गनीमत ये रही कि, समय रहते अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने आनन फानन में ही सही पर आईसीयू में भर्ती मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया। साथ ही, अन्य कर्मचारियों ने तत्काल ही आग पर तत्काल काबू पा लिया, जिससे किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं हुई। अस्पताल प्रबंधन की मानें तो वार्ड में किसी मरीजा या कर्मचारी को आग से किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। आगजनी से सिर्फ एमसीबी जले हैं जिन्हें तत्काल ही मैन स्विच बंद करके बदल दिया गया है। वहीं, सूत्रों की मानें तो अस्पताल में अगर फायर सेफ्टी उपकरण न होते ये छोटी सी आग विकराल रूप धारण कर सकती थी।
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हर बार ताजा हो जाती है जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल की भीषण आग
आपको बता दें कि, इससे पहले जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में 1 अगस्त को भीषम आग लगी थी। उस हादसे में 8 लोगों की मौत हुई थी, साथ ही, कई मरीज बुरी तरह झुलस भी गए थे। पुलिस ने घटना के बाद गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। अस्पताल में आग लगने के बाद पुलिस ने अस्पताल के चार संचालक में से एक संचालक संतोष सोनी को उमरिया जिले से पहले ही गिरफ्तार किया था। दूसरा संचालक डॉ संजय पटेल को डूमना एयरपोर्ट से मंगलवार को गिरफ्तार किया। 6 अगस्त को पुलिस ने अस्पताल के सीनियर मैनेजर विपिन पांडेय को भी गिरफ्तार कर लिया था।
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