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शाहडोल

दोस्ताना ऐसा कि आग्रह पर शहडोल पहुंचे रसियन दोस्त, बांधवगढ़ में की सफारी

वृन्दावन में खेली होली, योग के टिप्स भी सीखे

शाहडोलApr 08, 2024 / 11:56 am

shubham singh

दोस्ताना ऐसा कि आग्रह पर शहडोल पहुंचे रसियन दोस्त, बांधवगढ़ में की सफारी

दोस्ताना ऐसा कि आग्रह पर शहडोल पहुंचे रसियन दोस्त, बांधवगढ़ में की सफारी

शहडोल. नगर के समाजसेवियों की काजाकिस्तान यात्रा के दौरान रसियन लोगों से मुलाकात हुई। यह मेल-मिलाप धीरे-धीरे दोस्ती में बदल गई और वहां से वापसी के दौरान समाजसेवियों ने उनसे शहडोल आने का आग्रह किया। समाजसेवियों के स्वदेश वापसी के 10 दिन बाद ही उनके रसियन दोस्त भारत यात्रा में पहुंच गए। इस दौरान कई शहरों का भ्रमण करते हुए शहडोल पहुंचे और तीन दिन यहां रहकर आस-पास के क्षेत्र का भ्रमण किया। साथ ही बांधवगढ़ में सफारी का भी लुत्फ उठाया। जानकारी के अनुसार नगर के सीए सुशील सिंघल व शुभम अग्रवाल कजाकिस्तान घूमने गए थे। इस दौरान उनकी मुलाकात प्रोमोव सेरगी, मेश्कोवा मारिया, रयलकोवा पोलिना व मल्युतिन एन्टोलिय से हुई। धीरे-धीरे उनकी चारों से दोस्ती हो गई और उन्होंने चारों को शहडोल आने के लिए कहा। चारों रसियन लोगों ने उनकी बात को सहज ही स्वीकार कर लिया और भारत भ्रमण के लिए पहुंच गए।
बनारस भ्रमण के बाद पहुंचे शहडोल
जानकारी के अनुसार चारों रसियन दोस्त सुशील सिंघल के आग्रह पर होली के पहले भारत पहुंच गए। यहां आने के सबसे पहले उन्होंने वृन्दावन में होली मनाई और वहां से बनारस पहुंच गए। बनारस घूमने के बाद चारों शहडोल पहुंचे। यहां वह तीन दिन तक रुके और शहडोल के साथ ही बांधवगढ़ में सफारी का लुत्फ उठाया। इस दौरान उन्होंने बाघों का दीदार किया साथ ही बांधवगढ़ नेशनल पार्क के रिसॉर्ट में रुककर नीति सिंघल से योग के टिप्स भी सीखे।
असली भारत यहीं बसता है
चर्चा के दौरान चारों रसियन दोस्तो ने शहडोल व यहां के लोगों की काफी तारीफ की। उन्होंने कहा कि इसके पहले भी वह भारत भ्रमण पर आ चुके हैं, लेकिन वह दिल्ली कोलकाता व मुम्बई तक ही सीमित रहे। इस बार जब वह शहडोल और बांधवगढ़ पहुंचे हंै तो उन्हें अहसास हुआ कि असली भारत तो यहां बसता है। यहां के लोगों के दिल में जो स्नेह व आवभगत की आदत है वह सबसे अलग है। यहां से चारों दोस्त गोवा के लिए रवाना हुए।

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