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गाजे-बाजे साथ आज विदाई लेंगे गजानन, शाम ६ के बाद नहीं कर सकेंगे विसर्जन

locationशाहडोलPublished: Sep 18, 2021 09:20:59 pm

Submitted by:

shubham singh

श्रद्धालुओं को नदी में उतरने एवं नाव से मूर्ति विसर्जन करने की नहीं होगी अनुमति

Gajanan will bid farewell today, will not be able to immerse after 6 pm

गाजे-बाजे साथ आज विदाई लेंगे गजानन, शाम ६ के बाद नहीं कर सकेंगे विसर्जन

गाजे-बाजे साथ आज विदाई लेंगे गजानन, शाम ६ के बाद नहीं कर सकेंगे विसर्जन
– श्रद्धालुओं को नदी में उतरने एवं नाव से मूर्ति विसर्जन करने की नहीं होगी अनुमति
शहडोल. गणेशोत्सव के १० दिन के बाद आज धूमधाम के साथ मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल तैनात किया गया है। इस बार सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। शाम ६ बजे के बाद मूर्तियों का विसर्जन नहीं किया जाएगा। कलेक्टर के अनुसार, श्रद्धालुओं को नदी में उतरने और नाव से मूर्ति विसर्जन करने की अनुमति नहीं होगी। दरअसल वर्तमान समय में लगातार बारिश होने के कारण स्थित सभी नदियां और तालाब अपनी सामान्य स्थिति से ऊपर हैं। ऐसी स्थिति में श्रद्धालु विसर्जन के लिए नदी के किनारे स्थित स्थानों पर गणेश प्रतिमाएं विसर्जित करते हैं, जो कि वर्तमान समय में सभी नदियां, तालाब एवं अन्य विसर्जन स्थल लगातार बारिश के कारण अपने सामान्य स्तर से ऊपर हैं। विसर्जन के लिए श्रद्धालु रात में मूर्ति विसर्जन करते हैं, विसर्जन के बाद वह नदियों, तालाबों एवं अन्य विसर्जन स्थलों में स्नान भी करते हैं, जिससे दुर्घटना घटित होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
श्रद्धालुओं को नदी में उतरने की नहीं होगी अनुमति
वर्तमान परिस्थितियों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर वंदना वैद्य ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। आदेश में कलेक्टर ने कहा है कि शाम 6 बजे सूर्यास्त के बाद किन्ही भी श्रद्धालुओं को विसर्जन की अनुमति नहीं होगी। शाम 6 बजे सूर्यास्त के बाद मूर्ति विसर्जित न किए जाने पर श्रद्धालुगण अगले दिन मूर्ति विसर्जन करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा है कि किसी भी श्रद्धालु को नदी में उतरने एवं नाव से मूर्ति विसर्जन करने की अनुमति नहीं होगी। नदी के किनारे बनाए गए कृत्रिम विसर्जन स्थलों पर ही श्रद्धालुगण मूर्ति विसर्जित करना सुनिश्चित करेंगे।
आदेश में कलेक्टर ने कहा है कि कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत विसर्जन जुलूस के रूप में नहीं किया जाएगा। व्यक्तिगत रूप में 10 से अधिक व्यक्ति शामिल नहीं हो सकेंगे। गणेश प्रतिमाओं की झांकियों का प्रदर्शन एवं ध्वनि विस्तारक यंत्र पूर्णत: प्रतिबंधित होगा। विसर्जन के समय आवश्यक सावधानी एवं सतर्कता आवश्यक रूप से बढ़ती जाए व किसी भी व्यक्ति को गहरे पानी में उतरने की अनुमति न दी जाए।
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