कलेक्टर की दरियादिली: मरीज के पास नहीं था कोई खून देने वाला, जब नहीं मिला खून तो खुद देने पहुंच गए कलेक्टर
दरियादिली : निरीक्षण के वक्त मरीज ने की खून दिलाने की फरियाद, रक्तदान करने खुद पहुंच गए कलेक्टर
मरीज को चाहिए था चार यूनिट खून, दो यूनिट पहले ही डोनेट कर चुके थे परिजन, कलेक्टर ने दिया खून
Humanity: Collector swarochish somvanshi donated blood for the patient
शहडोल. भीषण गर्मी के वक्त कुपोषित बच्चों के लिए खुद के कार्यालय से चार एसी निकालकर एनआरसी में डोनेट करने के बाद चर्चाओं में रहे कलेक्टर उमरिया स्वरोचिष सोमवंशी एक बार फिर अनूठी मिसाल पेश की है। सरकारी अस्पताल उमरिया में भर्ती मरीज की सर्जरी के लिए रक्तदान कर कलेक्टर उमरिया ने दरियादिली दिखाई है। कलेक्टर स्वरोचिश सोमवंशी जिला चिकित्सालय उमरिया का औचक भ्रमण कर रहे थे, उसी दौरान चंदिया से आए सजनी नामक युवक ने कलेक्टर से मिलकर बीमार परिजन को सर्जरी के लिए खून की व्यवस्था कराने के लिए फरियाद की। कलेक्टर ने पूछा कि रक्तदान के लिए परिजन हैं क्या। इस दौरान युवक ने बताया कि सर्जरी के लिए चार यूनिट की जरूरत है। दो यूनिट परिजन दे चुके हैं। दो यूनिट और खून की जरूरत है। ब्लड बैंक में एक्सचेंज में खून देने का प्रावधान है। इस पर कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी खुद ही रक्तदान करने के लिए जिला अस्पताल उमरिया के ब्लड बैंक में पहुंच गए। कलेक्टर सोमवंशी ने कहा किमानव जीवन तभी सार्थक है जब वह दूसरे के लिए खासकर पीडि़त मानवता के लिए काम आ सके। कलेक्टर के रक्तदान के बाद भी एक और यूनिट खून की जरूरत थी। जिस पर कलेक्टर ने अन्य संगठनों को बुलाकर रक्तदान कराया। कलेक्टर की इस पहल ने रक्तदान की दिशा में अनूठी मिसाल पेश की है।
IMAGE CREDIT: patrika कलेक्टर सोमवंशी ने कहा कि रक्त न तो बनाया जा सकता है और न ही खरीदा जा सकता है। रक्त की उपलब्धता रक्तदान से ही संभव है। प्रत्येक व्यक्ति जिसकी उम्र 60 वर्ष से कम है । हर तीसरे महीने रक्तदान कर सकता है। रक्तदान करने से शरीर पर कोई बुरा असर नही पडता है। कुछ ही घंटो बाद रक्त पुन: तैयार हो जाता है। रक्तदान के अनेक फायदे है। जैसे दान मे दिया गया रक्त किसी की जान बचाने के काम आता है, शरीर के अंदर ऐसी कई कोशिकाएं जन्म लेती है जिनका कोई उपयोग नही होता है। रक्तदान से ये कोशिकाएं स्वयं खत्म हो जाती है साथ ही शरीर में रक्त बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है। उन्होने लोगों से अपील भी किया कि आगे आकर जरूरत पडऩे पर रक्तदान में सहभागिता निभाएं।
IMAGE CREDIT: patrikaकुपोषित बच्चों के लिए दिया था चार एसी कलेक्टर उमरिया स्वरोचिष सोमवंशी पहले भी चर्चाओं में रहे हैं। कुपोषण के खिलाफ पत्रिका ने अभियान चलाया था। जिस पर कलेक्टर ने एनआरसी के दौरे के वक्त भीषण गर्मी में बिखलते कुपोषित बच्चों के लिए कार्यालय में खुद के कक्ष से चार एसी निकलवाकर एनआरसी में लगवा दिया था।
IMAGE CREDIT: patrika अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए गया हुआ था। मरीज ने खून न मिलने की समस्या बताई। मरीज को चार यूनिट खून चाहिए था। कोई था नहीं, इसलिए एक यूनिट मैने ही जाकर रक्तदान कर दिया। स्वरोचिष सोमवंशी, कलेक्टर उमरिया
Home / Shahdol / कलेक्टर की दरियादिली: मरीज के पास नहीं था कोई खून देने वाला, जब नहीं मिला खून तो खुद देने पहुंच गए कलेक्टर