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जालोर : एजेंसियों की अनदेखी से जानलेवा बन रहे सिलेंडर

देवड़ा (जालोर). गैस एजेंसियों की ओर से की अनदेखी उपभोक्ताओं पर भारी पड़ सकती है। आए दिन गैस सिलेंडर लीकेज होने की घटनाएं हो रही है, लेकिन इसके बावजूद भी सम्बंधित एजेंसियों की ओर से सतर्कता नहीं बरती जा रही है। सिलेंडर बिना जांच किए ही उपभोक्ताओं को पकड़ा दिए जाते हैं। जिस कारण लीकेज […]

जालोरAug 19, 2016 / 12:22 pm

rajendra denok


देवड़ा (जालोर). गैस एजेंसियों की ओर से की अनदेखी उपभोक्ताओं पर भारी पड़ सकती है। आए दिन गैस सिलेंडर लीकेज होने की घटनाएं हो रही है, लेकिन इसके बावजूद भी सम्बंधित एजेंसियों की ओर से सतर्कता नहीं बरती जा रही है। सिलेंडर बिना जांच किए ही उपभोक्ताओं को पकड़ा दिए जाते हैं। जिस कारण लीकेज के चलते सिलेंडर लीकेज हो जाते हैं। ऐसी स्थित में कई बार बड़ी घटनाएं भी हो जाती है। गांवों में तो हालात और भी खराब है। लीकेज होने पर गैस सिलेंडर परिवर्तन करवाने के लिए उपभोक्ताओं को भी बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। कई उपभोक्ताओं को बिना आईएसआई मार्का के रेगूलेटर थमा दिए जाते हैं। इस कारण हादसे की आशंका भी बढ़ जाती है। एजेंसी की ओर से भी घरों में समय-समय पर निरीक्षण कर उपभोक्ताओं को बचाव के तरीके नहीं बताए जा रहे हैं। पिछले दिनों १६ अगस्त को देवड़ा गांव में एक आवासीय मकान में गैस सिलेंडर लीकेज होने से आग लग गई। हालांकि, परिवारजनों ने सतर्कता बरतते हुए सिलेंडर को बाहर फेंक दिया। जिससे बड़ा हादसा टल गया। जानकारी के मुताबिक पवनकुमार खत्री के मकान में सुबह चाय बनाने के लिए जैसे ही गैस सिलेंडर का रेगूलेटर शुरू किया तो एक ही पल में आग पकड़ ली। आग विकराल रूप लेती तब तक लोगों ने टंकी बाहर फेंककर रेत व पानी डालकर आग पर काबू पा लिया, लेकिन रसोई में काफी सामान जल गया था। लोगों ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि एजेंसी की ओर से सिलेंडर देने के दौरान जांच कर देना चाहिए। ताकि वायसर ठीक नहीं हो तो ठीक किया जा सके और हादसे से बचा जा सके।
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