प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना में बाल विकास विभाग रहा प्रदेश में अव्वल, प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित
सबसे अधिक पंजीयन कर दिलवाया लाभ
प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना में बाल विकास विभाग रहा प्रदेश में अव्वल, प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित
प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना में बाल विकास विभाग रहा प्रदेश में अव्वल, प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित
शहडोल . केन्द्र सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना में जिले की बाल विकास परियोजना बुढ़ार ने प्रदेश में हितग्राहियों का सर्वाधिक पंजीयन कर प्रथम स्थान पर रही। इस उत्कृष्ट कार्य हेतु विभाग के प्रमुख सचिव जेएन कंसोटिया तथा आयुक्त डॉ अशोक भार्गव द्वारा तत्कालीन परियोजना अधिकारी सतवंत कौर हूरा तथा वर्तमान परियोजना अधिकारी बाल विकास बुढ़ार पीएन मिश्रा तथा सहयोगियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है। उल्लेखनीय है कि योजनान्तर्गत गर्भवती माताओं का आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से पंजीयन किया जाता है। पंजीयन के पश्चात तीन जंाचें एवं प्रसव उपरांत राशि 6 हजार रुपये हितग्राही को खाते में जमा की जाती है। योजना का प्रारंभ से 31 अगस्त 2018 तक 3053 हितग्राहियों का पंजीयन कराकर योजना से लाभान्वित किया गया।
दस्तावेजी साक्ष्य 11 सितम्बर तक प्रस्तुत किये जा सकेंगें
अनुविभागीय दण्डाधिकारी जयसिंहनगर सतीष राय ने बताया है कि 6 सितम्बर को प्रस्तावित भारत बंद के दौरान गांधी चौक शहडोल में शेखर मिश्रा उर्फ डब्बू महाराज को गंभीर चोट एवं अन्य लोगों को लाठी लगने से संबंधित घटना की कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा दण्डाधिकारी जांच प्रस्तावित की गई है। दण्डाधिकारी जांच में अपना पक्ष रखने हेतु कोई भी व्यक्ति 11 सितम्बर तक कलेक्ट्रेट कार्यालय के कक्ष क्रमांक 10 में लिखित, मौखिक या दस्तावेजी साक्ष्य शाम 5 बजे तक प्रस्तुत किये जा सकते हैं। निर्धारित अवधि के पश्चात प्राप्त होने वाले साक्ष्यों या जानकारी पर विचार नहीं किया जायेगा।
निर्वाचन के दौरान पोस्टर चिपकाने और नारे लिखने पर होगा जुर्माना
. कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अनुभा श्रीवास्तव ने विधानसभा निर्वाचन 2018 को दृष्टिगत रखते हुये निजी अथवा सार्वजनिक सम्पत्ति को विरूपित करने संबंधी गतिविधियों यथा पोस्टर चिपकाने, नारे लिखने, प्रतीक चिन्हों, पेंटिंग पर रोकथाम लगाने के निर्देश दिये। आपने राज्य एवं केंद्र शासन के समस्त विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया है कि सम्पत्ति के विरूपण अधिनियम 1994 के अनुसार कोई भी जो सम्पत्ति के स्वामी के लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली निजी सम्पत्ति को स्याही, खडिया रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर चिन्हित करके उसे विरूपित करने पर 1 हजार रूपये का जुर्माना हो सकेगा। इस अधिनियम के अधीन कोई भी अपराध संज्ञेय माना जायेगा।
निर्वाचन आयोग द्वारा यह भी निर्देश दिये गये हैं कि जिले में स्थिति समस्त राज्य एवं केंद्र सरकार के कार्यालयों के प्रमुखों से 10 सितम्बर 2018 तक की एक्षन टेकेन रिपोर्ट प्राप्त की जाये तथा प्रति सप्ताह इसकी समीक्षा की जाये। आयोग के निर्देशों के परिपालन हेतु सुरेश अग्रवाल संयुक्त कलेक्टर को जिला स्तर पर सम्पत्ति विरूपण की रोकथाम हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने पत्र जारी कर केंद्र एवं राज्य सरकार के सभी कार्यालय प्रमुखों को निर्देशित किया है कि वे स्वयं कार्यालय एवं भवनों की निगरानी करें तथा सम्पत्ति विरूपण करते हुये पाये जाने पर प्रकरण तैयार कर जिला स्तरीय नोडल अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करें। साथ ही प्रति सोमवार को पूर्वान्ह 12 बजे तक अपना प्रतिवेदन जिला स्तरीय नोडल अधिकारी को प्रेशित करें।
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