न्याय सबके लिए अवधारणा को किया साकार, नेशनल लोक अदालत में 433 प्रकरणों का हुआ निराकरण
18 खण्डपीठों का किया गया था गठन
न्याय सबके लिए अवधारणा को किया साकार, नेशनल लोक अदालत में 433 प्रकरणों का हुआ निराकरण
न्याय सबके लिए अवधारणा को किया साकार, नेशनल लोक अदालत में 433 प्रकरणों का हुआ निराकरण
शहडोल. ”न्याय सबके लिए अवधारणा को साकार रूप प्रदान करने के लिये 8 सितम्बर को जिले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरके सिंह के निर्देशन में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु 18 खण्डपीठों का गठन किया गया था। जिसमें से 9 जिला न्यायालय शहडोल में, 3 खण्डपीठ तहसील न्यायालय ब्योहारी में, 4 खण्डपीठ तहसील न्यायालय बुढ़ार में तथा 2 खण्डपीठ जयसिंहनगर में गठित की गई। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरके सिंह द्वारा मॉ सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया गया। इस अवसर पर कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश प्राणेश कुमार प्राण, विशेष न्यायाधीश सभापति यादव, प्रथम अति. जिला न्यायाधीश अविनाश चंद्र तिवारी द्वितीय अति. जिला न्यायाधीश अनुज कुमार मित्तल, अति. जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनूप कुमार त्रिपाठी, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट केके मिश्रा, अति. मुख्य न्यायिक मजिस्टेट जेएन सिंह, न्यायिक दण्डाधिकारी विवेक सिंह सीजे-1, रेनु खान सीजे-2 एवं सतीश शर्मा सीजे-2, जिला विधिक सहायता अधिकारी बीडी दीक्षित, जिविसेप्रा के कर्मचारीगण पैनल अधिवक्ता एवं पैरालीगल वालेंटियर उपस्थित रहे।
जिला न्यायालय शहडोल के अंतर्गत मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों में से कुल 162 प्रकरण लोक अदालत में रेफर किये गये थे जिसमे से 42 प्रकरणों में कुल मिलाकर 12617880 रुपये का एवार्ड पारित किया गया। बिजली के कुल 28 लंबित प्रकरण रैफर किये गये जिसमें से 8 प्रकरणों का निराकरण राजीनामा के आधार पर किया गया । जिसमे 81291 रुपये का एवार्ड पारित किया गया।
धारा 138 एन.आई. एक्ट के अंतर्गत 600 रैफर प्रकरणों में 23 प्रकरण निराकृत हुये तथा 2453552 रूपये की राशि के एवार्ड पारित किये गये। न्यायालय में लंबित आपराधिक समनीय मामलों में 355 प्रकरण रखे गये जिसमें से 17 का निराकरण राजीनामा के आधार पर हुआ। वैवाहिक प्रकरणों के निराकरण हेतु 277 प्रकरण रखे गये जिसमें से 11 प्रकरण राजीनामा के आधार पर निराकृत हुये और 22 लोग लाभांवित हुये। कुल मिलाकर न्यायालय में लंबित प्रकरणों में 1812 प्रकरण रखे गये जिसमें से 132 प्रकरण निराकृत हुये तथा 15330772 रूपये का एवार्ड राशि पारित हुई। प्रीलिटिगेशन स्तर पर बैंक रिकवरी के 3082 प्रकरण में से 219 प्रकरण निराकृत हुये तथा 3140888 रूपये की राशि बैंको में जमा हुई। बिजली के 1173 पूर्ववाद प्रकरणों में से 238 प्रकरणों का निराकरण हुआ तथा 3030544 रूपये की राशि की वसूली की गई। इसी तरह नगरपालिका के जलकर 981 प्रकरणों में 79 निराकृत हुए तथा 152099 रूपए की राशि वसूल की गई इसी प्रकार संपत्तिकर के 700 प्रकरणों में से 33 प्रकरण निराकृत हुये और 312733 रूपये की वसूली की गई। दूरसंचार के 99 प्रकरणों मे से 1 प्रकरण निराकृत हुआ तथा 5000 रूपये की राशि वसूल हुई। अंतत: 8 सितम्बर 2018 को आयोजित नेशनल लोक अदालत सफल रही और न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में कमी आई।
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