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डीएमएफ फण्ड में 60 प्रतिशत का हेरफेर, डीपीसी खुद बन गए थे निर्माण एजेंसी

locationशाहडोलPublished: Jan 15, 2019 12:11:21 pm

Submitted by:

shubham singh

जांच टीम की रिपोर्ट में खुलासा, आला अफसरों के पाले में अब कार्रवाई की गेंद

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शहडोल। जिले में संचालित स्कूलों में डीएमएफ से कुछ साल पहले हुई खरीदारी में जांच के बाद जो तथ्य सामने आए हैं, उसमें लाखों रुपए के हेरफेर की आशंका है। प्रशासन की टीम पिछले कई दिनों से मामले की जांच कर रही थी। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट आला अधिकारियों को दे दी गई है। जांच टीम की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाली चीजें सामने आईं हैं। डीएमएफ से हुई खरीददारी में 50 से 60 फीसदी का हेरफेर बताया जा रहा है। इतना ही नहीं डीपीसी (जिला परियोजना समन्वयक) कई जगहों पर खुद ही निर्माण एजेंसी बन गए। अब आला अधिकारियों के पाले में जांच रिपोर्ट है। जांच टीम द्वारा मामले की जांच अभी भी की जा रही है, जिसमें कई तथ्य और भी सामने आ सकते हैं।

2 करोड़ में सिर्फ 40 फीसदी का काम
अधिकारियों की मानें तो कुछ स्कूल, छात्रावासों के लिए लगभग 2 करोड़ रुपए डीएमएफ से स्वीकृत किए गए थे। अधिकारियों ने जांच शुरू की तो एक के बाद एक गड़बडिय़ां सामने आईं। कुछ जगहों पर खरीदी ही नहीं हुई तो कुछ जगहों पर निर्धारित से अधिक दामों में खरीदी की गई। इसके अलावा कई जगहों पर जरूरत न होने के बाद भी डीएमएफ के माध्यम से बड़ी मात्रा में खरीदी कर ली गई। दरअसल मामले की शिकायत जिला पंचायत अध्यक्ष ने प्रशासन से की थी। जिपं अध्यक्ष ने वित्तीय अनियमितताओं के कई आरोप लगाए थे। जिसके बाद मामले की जांच चल रही थी।

संदेह के घेरे में एपीसी भी
जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि डीपीसी खुद निर्माण एजेंसी बन गए थे। मिट्टी खुदाई और पुताई सहित लगभग दो जगहों में डीपीसी खुद निर्माण एजेंसी बन गए थे और निर्माण कार्य करा दिया था। जांच में कई अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में हैं। विभाग से जुड़े एक एपीसी भी रडार में हैं। उनका भी कई स्थानों पर नाम आया है।


भठिया, चांपा सहित दर्जनों जगहों में खरीदी
डीएमएफ राशि से भठिया, चांपा सहित दर्जनों जगहों में खरीददारी की गई थी। कुछ जगहों पर मोटर पंप लगाया गया था तो कुछ जगहों पर कमरों का भी निर्माण कराया गया था। इसके अलावा कई जगहों पर विज्ञान सामग्री की खरीदी भी की गई थी। जांच टीम ने भठिया, चांपा सहित दर्जनों जगहों में घूमकर रिपोर्ट तैयार की है।


सरकार बदलते ही जांच में आई तेजी
जिला पंचायत अध्यक्ष नरेन्द्र मरावी ने डीपीसी मदन त्रिपाठी के खिलाफ डीएमएफ राशि में काफी हेरफेर के आरोप लगाए थे। जिपं अध्यक्ष धरने पर भी बैठे थे लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई थी। बाद में जिपं अध्यक्ष ने भाजपा का दामन छोड़ दिया और कांगे्रस में शामिल हो गए थे। सरकार बदलते ही जांच में तेजी आई, जिससे कई अनियमितताएं सामने आ रहीं हैं।

मामले की जांच चल रही है। ज्यादा जानकारी आला अधिकारी ही दे पाएंगे।
सतीश राय, डिप्टी कलेक्टर शहडोल

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