हर माह छह से आठ युवा कैंसर रोग से पीडि़त होने के बाद जिला अस्पताल और शहर के अन्य निजी अस्पताल पहुंच रहे हैं। कुछ ऐसी ही हकीकत जिला अस्पताल के दंत रोग विभाग के आंकड़े बयां कर रहे हैं। तमाम जागरूकता कार्यक्रमों के बाद कोई सुधार नहीं दिख रहा है। जिला अस्पताल के दंत रोग से जुड़े डॉक्टर्स की मानें तो सबम्यूकस फाइब्रोसिस और कैंसर बीमारी सबसे ज्यादा सुपारी और उसमें मिलाए जाने वाले केमिकल युक्त गुटखा से हो रही है। लगातार दो से तीन साल तक गुटखा के सेवन से सबम्यूकस फाइब्रोसिस हो जाता है।
फाइब्रोसिस से कैसे फैलता है कैंसर ?
लगातार दो से तीन साल तक गुटखा के सेवन से सबम्यूकस फाइब्रोसिस हो जाता है। इसके बाद मुंह के भीतर मांसपेशियों की इलास्टीसिटी खत्म हो जाती है। धीरे – धीरे मुंह खुलना बंद हो जाता है। इस वजह से मुंह के भीतर कई छाले हो जाते हैं। धीरे – धीरे यह बाद में कैंसर का रूप ले लेता है। विशेषज्ञों के अनुसार गुटखा का सेवन करने वाले ९९ प्रतिशत से ज्यादा लोग सबम्यूकस फाइब्रोसिस का शिकार हो जाते हैं।
युवाओं में सबसे ज्यादा कैंसर
डॉक्टर्स के अनुसार कैंसर और सबम्यूकस फाइब्रोसिस बीमारी की चपेट में सबसे ज्यादा युवा हैं। 20 से 40 साल की आयु के लोगों में सबम्यूकस फाइब्रोसिस बीमारी देखने को मिल रही है। इसके अलावा मुंह कैंसर के मरीज भी मिल रहे हैं। डॉक्टर्स की मानें तो 20 से 25 साल में ही युवाओं को सबम्यूकस फाइब्रोसिस हो रही है। धीरे- धीरे यह बीमारी फैलती जाती है और मुंह के कैंसर का कारण बनती हैं।
इनका कहना है
जिला अस्पताल शहडोल के दंत रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जीएस परिहार के मुताबिक सुपारी और गुटखा युवाओं को कैंसर और सबम्यूकस फाइब्रोसिस नामक बीमारी से ग्रसित कर रही है। हर माह सबम्यूकस फाइब्रोसिस और मुंह कैंसर के लगभग छह मरीज सामने आते हैं। सबम्यूकस फाइब्रोसिस के बाद धीरे – धीरे कंैसर रोग चपेट में ले लेता है।