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शाहडोल

mp election 2018 : काले हीरे से चांदी कूट रहे धन्नासेठ, लोग पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी हैं मोहताज

जनप्रतिनिधियों की उपेक्षित रवैये से पिछड़ा हुआ है क्षेत्र

शाहडोलNov 21, 2018 / 02:19 pm

shubham singh

mp election People are penurious water, education and health.

mp election People are penurious water, education and health.

अनूपपुर। जिले की आर्थिक क्षेत्र के
रूप में पहचान बनाने वाली कोतमा
विधानसभा क्षेत्र औद्योगिक विकास
में शून्य है। कई दशकों से काले हीरे
की 18 कोल खदानों के बाद भी क्षेत्र
में निवेशकों को रिझाने राजनीतिक,
आर्थिक, सामाजिक के साथ बौद्धिक
स्तर पर कोई ढांचा खड़ा नहीं किया
गया है। जनप्रतिनिधियों की उपेक्षित
रवैए से ये क्षेत्र लगातार पिछड़ा हुआ
है। खंड मुख्यालय का मुख्य नगरीय
क्षेत्र क्षेत्र संरचनात्मक रूपरेखा से
वंचित है तो मुख्यालय में ही स्वास्थ्य
और उ”ाशिक्षा संस्थान का अभाव
है। पेयजल की समस्या आज भी है।
डॉ?टरों ने होने से क्षेत्र के अधिकांश
स्वास्थ्य केन्द्र बंद हैं। कोतमा के
सीएचसी में ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की
नियुक्ति न होने से ये सिर्फ रेफरल
सेंटर बना हुआ है। दूरस्थ अंचल से
जुड़े परिवारों को परेशानियों का
सामना करना पड़ता है। परेशानियों
से बचने में परिजन मरीजों का
उपचार तक कराने से दूरी बना लेते
हैं। शासकीय स्कूल अतिथि शिक्षकों
के भरोसे चल रहे हैं। ग्रामीण इलाकों
में शिक्षा की स्थिति और भी दयनीय
बनी हुई है। पांच-पांच कक्षाएं एक
शिक्षक के हवाले कर दिया गया है।
कभी कभी इन स्कूलों में ताला
लटका नजर आता है। उधर बिजुरी
-राजनगर के निवासी उपतहसील
बनाने की मांग कर रहे हैं।

2013 से पूर्व तक भाजपा के
गढ़ में पहली बार मनोज
अग्रवाल ने सेंध लगाते हुए 20
साल बाद चुनाव जीता था।
लेकिन इस बार कांग्रेस ने
मनोज को टिकट नहीं दिया।
कांग्रेस ने सुनील सराफ को
और भाजपा ने वर्ष 2008 में
जीते दिलीप जायसवाल को
मैदान में उतारा है। इसके बाद
मनोज और राजेश सोनी दोनों
ने बगावत कर दी। हालांकि बाद में दोनों ने पर्चा भर दिया। बाद में दोनों पर्चा
वापस ले लिया, हालांकि अब भितरघात को खतरा मंडरा रहा है।


नगर पंचायत पर कांग्रेस ने नए, भाजपा ने पुराने को उतारा
टिकी उ्मीदें
कोतमा विधानसभा क्षेत्र में
कोतमा के अलावा बिजुरी मुख्य
नगरीय क्षेत्र है। इसके बाद
समस्त ग्राम पंचायतें। लेकिन
सीएम ने प्रदेश के अंतिम छोर
पर बसे सबसे बदहाल तीन गांव
डोला, डूमरकछार तथा
राजनगर (बनगंवा) को
नगरपंचायत बनाने की घोषणा
की।घोषणा का आशय अंतिम
छोर में बसे गांवों को सुविधाएं
प्रदान कर बेहतर जीवनशैली
उपलब्ध कराना है। अगर ये
तीनों पंचायते नगर पंचायत बन
जाती हंै तो प्रदेश के अंतिम
छोर पर बसे गांव नगरीय क्षेत्र
में तब्दील हो जाएंगे और
विकास के नए आयाम गढ़ेंगे।


पानी और स्वास्थ्य
प्रमुख मुद्दा
कोतमा और बिजुरी में स्वास्थ्य
केन्द्र तो है पर डॉक्टरों की कमी के
कारण मरीज बिलासपुर और
जबलपुर के लिए जा रहे हैं। कोल
खदानों के कारण कोतमा क्षेत्र के
समस्त ग्राम पंचायतों में पानी की
समस्या सबसे अधिक है।

ये हैं विधानसभा क्षेत्र की समस्याएं

केवई पुल अधूरा।
ब्लड बैंक की कमी।
विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी।
दो प्राध्यापक के भरोसे शिक्षा।
क्षेत्र में लघु उद्योग की कमी।
सड़कें बदहाल।
शुद्ध पेयजल की कमी।
किसानों की समस्याओं का हल
नहीं।
उद्योग के अभाव में बेरोजगारी।

2013 का चुनाव परिणाम
प्रत्याशी पार्टी मिले मत
खुर्शीद अहमद बसपा 7202
रामखेलावन तिवारी एनसीपी 865
हरिद्वार सिंह सीपीआई 4296
पुष्पेन्द्र सिंह गोंगपा 5454
बुद्धसेन राठौर आरएसपी 502
विधायक निधि में
खर्च राशि
सालाना एक करोड़ 85 लाख
रुपए आवंटित किए गए। जिसमें
पांच साल में नौ करोड़ 25 लाख
रुपए व्यय किए गए।

2013 प्रत्याशी हार जीत का अंतर
38,319
कांग्रेस के
मनोज अग्रवाल
को मिले मत
36,773
भजपा के
राजेश सोनी
को मिले मत
1,546
मनोज की
जीत का अंतर

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