दरअसल जिले के कांग्रेस पदाधिकारियों ने दो टूक कहा है कि निष्कासित सदस्य को किस आधार पर जिला अध्यक्ष बना दिया गया है। यदि इस पर दोबारा मंथन नहीं होता है तो पार्टी में बिखराव की स्थिति बन जाएगी। पदाधिकारियों ने हाईकमान तक मामला पहुंचाने की बात करते हुए पार्टी बिखराव की चेतावनी भी दी है।
मंगलवार को आयोजित पत्रकारवार्ता में वरिष्ठ कांग्रेसियों ने विरोध जताया है। दर्जनों पदाधिकारी और वरिष्ठ कांग्रेसियों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष गुप्ता कांग्रेस प्रत्याशी के विरूद्ध नगरपालिका चुनाव में थे और अन्य प्रत्यार्शी का सहयोग कर रहे थे। इस वजह से कांग्रेस की सदस्यता से 6 वर्षों के लिए निष्कासित भी कर दिए गए थे। इसके बाद भी अध्यक्ष मनोनीत कर दिया गया।
पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि सुभाष गुप्ता पिछले 15 सालों से विधानसभा, लोकसभा, नगरपालिका चुनाव में कांग्रेस का विरोध करते रहे हैं फिर भी अध्यक्ष बनाया गया है। मध्यप्रदेश प्रभारी सचिव के शहडोल दौरे में भी कांग्रेसियों ने विरोध दर्ज कराया है। पदाधिकारियों ने कहा कि सुभाष गुप्ता के मनोनयन से कांग्रेस पूरी तरह बिखर जाएगी, जिसका आगामी विधानसभा चुनाव में परिणाम देखने को मिलेगा।
पदाधिकारियों ने कहा कि यदि प्रदेश स्तर पर सुनवाई नहीं होती है और कोई नतीजा नहीं निकलता है तो राहुल गांधी से भी मिलकर इस बात को रखा जाएगा। पत्रकारवार्ता के दौरान विधायक रामपाल सिंह, वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवकुमार नामदेव, दुर्गा प्रसाद यादव, आजाद बहादुर सिंह, ब्लॉक अध्यक्ष मोहम्मद यूसुफ, ब्लॉक अध्यक्ष सुजीत सिंह, पार्षद इसहाक, सुफियान खान, ओमप्रकाश, दानिश अहमद, रेशमा समीर खान, ब्लॉक अध्यक्ष विकास मिश्रा, रामनिहोर राव, अनुपम गौतम सहित कई कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।