बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि अब वाहन हितग्राहियों के पास कलेक्ट्रेट के कॉल सेंटर से फोन जाएगा। कॉल सेंटर से पूछा जाएगा कि कब राशन उठाया और गांव में कब वितरित करना है। राशन वितरण नहीं हुआ है तो वजह बतानी होगी। हर सप्ताह पत्रक बनेगा। मंगलवार को कलेक्टर इसकी समीक्षा करेंगी। यदि राशन उठाव की समस्या है तो दुकान के विक्रेता से कॉल सेंटर से संपर्क किया जाएगा और यदि दुकानों को खाद्यान्न नहीं मिला है तो अधिकारियों का नाम पत्रक में लिखेंगे व जानकारी लेंगे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि ग्राम सचिव और रोजगार सहायक को मॉनीटरिंग के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाता है। इनकी निगरानी में राशन वितरण होगा। इसके अलावा सिविल सप्लाइज कार्पोरेशन और खाद्य विभाग के अधिकारी हर 15 दिन में औचक निरीक्षण करेंगे। इन अधिकारियों को निगरानी के साथ राशन वितरण के वक्त फोटो लेकर कलेक्टर को भेजनी होगी।
बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि जिन गांवों में राशन वितरण के लिए वाहन भेजना है, वहां पर एक दिन पूर्व मुनादी कराई जाए। ग्रामीणों को यह भी बताया जाए कि कब और कौन सा वाहन पहुंचेगा। इसके अलावा दुकानों में भी नंबर वाहन चालकों का नंबर भी लिखवाया जाएगा। जिससे राशन सप्लाई वाहन के मूवमेंट की जानकारी ग्रामीण फोन कर ले सकेंगे।
बैठक में निर्देश कि हर माह समीक्षा की जाए कि कहां राशन का वितरण हुआ है और कहां पर राशन नहीं पहुंचा है। जहां पर नहीं पहुंचा है, वहां पर भुगतान रोका जाएगा। वाहन से राशन वितरण न करने पर भुगतान में कटौती की भी कार्रवाई करनी होगी। भुगतान करने पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी।
मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना में लापरवाही बरती जा रही थी। सलाना करोड़ों रुपए खर्च के बावजूद गांव तक वाहन नहीं पहुंच रहे थे। आदिवासियों को राशन के लिए 10 से 15 किमी दूर पैदल चलना पड़ रहा था। पत्रिका की खबर के बाद प्रमुख सचिव व अधिकारियों ने सख्ती दिखाते हुए प्रशासन से रिपोर्ट तलब की। जिसके बाद प्रशासन ने बैठक करते हुए रणनीति बनाई है।
वंदना वैद्य, कलेक्टर शहडोल
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राशन लेकर पहली बार महरौड़ी पहुंचा वाहन, हितग्राही बोले- पत्रिका ने दिलाई राहत
जिले के ग्राम महरौड़ी में पहली बार मुख्यमंत्री राशन प्रदाय योजना का वाहन पहुंचा। जिसे देख यहां के आदिवासी परिवारों के चेहरे खिल उठे। वाहन से घर-घर जाकर हितग्राहियों को राशन वितरण किया गया। अब यहां के हितग्राहियों को राशन के लिए चिलचिलाती धूप में कई किमी की पैदल यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री राशन प्रदाय योजना के तहत चिन्हित गांवो तक वाहन के माध्यम से राशन पहुंचाने की योजना है। बावजूद इसके जिले के महरौड़ी गांव के हितग्राहियों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था। राशन लेने के लिए लगभग 18 किमी दूर ग्राम पंचायत भमला जाना पड़ता था। जिसके चलते उनका पूरा दिन बीत जाता था। महरौड़ी के हितग्राहियों की इस समस्या का अब समाधान हो गया है। मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना के तहत राशन वाहन महरौड़ा पहुंचा। यहां पर वाहन गांव के भीतर तक नहीं पहुंचा तो पड़ोस के गांव घोरवे में राशन वितरण कराया गया।