अकेले आने वाले मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी
जिला अस्पताल में आपात स्थिति में अकेले पहुंचने वाले मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अकेले इलाज के लिए पहुंचे गंभीर
मरीज को पहले लाइन में लगकर पर्ची कटानी पड़ती है फिर लंबे इलाज के बाद डॉक्टर मिलते हैं। इस बीच काफी समय इधर उधर घूमने में ही चला जाता है। दो दिन पहले भी सर्पदंश के बाद एक महिला को काफी समय पर्ची बनवाने में ही लग गया था। यहां से डॉक्टरों ने आईसीयू जाने की बात कह दी थी। वृद्ध महिला काफी समय तक वार्ड तलाशती रही। इस बीच हालत बिगड़ गई थी।
केस 1 फोटो
बिरसिंहपुर पाली निवासी मुन्नीबाई गंभीर रूप से बीमार है। उनके सिर से लेकर पूरे शरीर में भयंकर दर्द हो रहा है। उनसे बैठा तक नहीं जा रहा है। परिजन उन्हें सुबह जिला अस्पताल लेकर आए। किसी प्रकार परिजनों ने आधे घंटे तक लाइन में लगकर पर्ची बनवाया। जब मरीज को लेकर डॉक्टर के पास गए तो भर्ती करने की जगह जांच करवाने के लिए लिख दिया। परिजन जांच रिपोर्ट लेकर डॉक्टर से भर्ती कराने की गुहार लगाने लगे। डॉक्टर ने भीड़ होने की बात कहकर बाद में देखने की कही। मरीज को काफी पीड़ा होने पर परिजन फिर डॉक्टर के पास पहुंचे तो डॉक्टर ने भर्ती करने के लिए लिखा। तब जाकर महिला मरीज को भर्ती किया गया।
केस 2 फोटो
बतुरा निवासी पार्वती चौधरी अपनी छोटी बच्ची माही चौधरी को लेकर जिला अस्पताल में पहुंची। बच्ची गंभीर रूप से बीमार थी। उसको देखकर डॉक्टरों ने भर्ती पर्ची बनवाने को कहा। इस पर पार्वती चौधरी ने लाइन में लगकर किसी प्रकार पर्ची बनवाया। इस दौरान बच्ची की हालत खराब होती रही। बाद में उसको भर्ती कराया गया।
केस 3 फोटो
बकरी निवासी लक्ष्मी महरा अपनी बहन को गंभीर हालत में लेकर जिला अस्पताल पहुंचा। मरीज की हालत इतनी खराब थी कि वह खड़ी तक नहीं हो रही थी। यहां भी डॉक्टरों ने भर्ती पर्ची बनवाने को कहा। लक्ष्मी ने किसी प्रकार पर्ची बनवाया तब जाकर मरीज को भर्ती किया गया।