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शाहडोल

गंभीर मरीजों को भी लाइन लगकर कटानी पड़ती है पर्ची फिर नब्ज टटोलते हैं डॉक्टर

कभी आधा घण्टा तो कभी एक घंटा लाइन में लगे रहते हैं मरीज, कई बार बिगड़ जाती है हालत

शाहडोलSep 21, 2019 / 08:37 pm

amaresh singh

Serious patients upset in district hospital

गंभीर मरीजों को भी लाइन लगकर कटानी पड़ती है पर्ची फिर नब्ज टटोलते हैं डॉक्टर,गंभीर मरीजों को भी लाइन लगकर कटानी पड़ती है पर्ची फिर नब्ज टटोलते हैं डॉक्टर,गंभीर मरीजों को भी लाइन लगकर कटानी पड़ती है पर्ची फिर नब्ज टटोलते हैं डॉक्टर

शहडोल। जिला अस्पताल में मरीजों की आपात स्थिति को लेकर प्रबंधन गंभीर नहीं है। जिला अस्पताल में कोई गंभीर रूप से बीमार है तो उसको तत्काल इलाज नहीं मिल पाता है। बेहतर इलाज की आस में पहुंचने वाले गंभीर मरीजों को भी पहले उसको पर्ची बनवाना पड़ता है। इसके लिए उसे आधा घंटा लाइन में लगना पड़ता है। पर्ची बनवाने के बाद उसे डॉक्टर को दिखाना पड़ता है जब डॉक्टर भर्ती पर्ची लिखता है तब मरीज को भर्ती किया जाता है। इस दौरान कभी मरीज परिसर में लेटे हुए दर्द से कराहता रहता है तो कभी और ज्यादा हालत बिगड़ जाती है। प्रबंधन की बेरहम व्यवस्था के चलते मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।


अकेले आने वाले मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी
जिला अस्पताल में आपात स्थिति में अकेले पहुंचने वाले मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अकेले इलाज के लिए पहुंचे गंभीर
मरीज को पहले लाइन में लगकर पर्ची कटानी पड़ती है फिर लंबे इलाज के बाद डॉक्टर मिलते हैं। इस बीच काफी समय इधर उधर घूमने में ही चला जाता है। दो दिन पहले भी सर्पदंश के बाद एक महिला को काफी समय पर्ची बनवाने में ही लग गया था। यहां से डॉक्टरों ने आईसीयू जाने की बात कह दी थी। वृद्ध महिला काफी समय तक वार्ड तलाशती रही। इस बीच हालत बिगड़ गई थी।

केस 1 फोटो
बिरसिंहपुर पाली निवासी मुन्नीबाई गंभीर रूप से बीमार है। उनके सिर से लेकर पूरे शरीर में भयंकर दर्द हो रहा है। उनसे बैठा तक नहीं जा रहा है। परिजन उन्हें सुबह जिला अस्पताल लेकर आए। किसी प्रकार परिजनों ने आधे घंटे तक लाइन में लगकर पर्ची बनवाया। जब मरीज को लेकर डॉक्टर के पास गए तो भर्ती करने की जगह जांच करवाने के लिए लिख दिया। परिजन जांच रिपोर्ट लेकर डॉक्टर से भर्ती कराने की गुहार लगाने लगे। डॉक्टर ने भीड़ होने की बात कहकर बाद में देखने की कही। मरीज को काफी पीड़ा होने पर परिजन फिर डॉक्टर के पास पहुंचे तो डॉक्टर ने भर्ती करने के लिए लिखा। तब जाकर महिला मरीज को भर्ती किया गया।


केस 2 फोटो
बतुरा निवासी पार्वती चौधरी अपनी छोटी बच्ची माही चौधरी को लेकर जिला अस्पताल में पहुंची। बच्ची गंभीर रूप से बीमार थी। उसको देखकर डॉक्टरों ने भर्ती पर्ची बनवाने को कहा। इस पर पार्वती चौधरी ने लाइन में लगकर किसी प्रकार पर्ची बनवाया। इस दौरान बच्ची की हालत खराब होती रही। बाद में उसको भर्ती कराया गया।


केस 3 फोटो
बकरी निवासी लक्ष्मी महरा अपनी बहन को गंभीर हालत में लेकर जिला अस्पताल पहुंचा। मरीज की हालत इतनी खराब थी कि वह खड़ी तक नहीं हो रही थी। यहां भी डॉक्टरों ने भर्ती पर्ची बनवाने को कहा। लक्ष्मी ने किसी प्रकार पर्ची बनवाया तब जाकर मरीज को भर्ती किया गया।

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