scriptकैसे बना शहडोल जिला, जानिए जिले के विकास में पंडित शंभूनाथ शुक्ल का योगदान | Shambhunath shukla- How to make Shahdol district | Patrika News
शाहडोल

कैसे बना शहडोल जिला, जानिए जिले के विकास में पंडित शंभूनाथ शुक्ल का योगदान

किनके बीच चल रही थी अपने कस्बों को जिला बनाने की खींचतान

शाहडोलDec 30, 2017 / 04:33 pm

Shahdol online

शहडोल- पंडित शंभूनाथ शुक्ल जी का व्यक्तित्व बहुआयामी रहा है। वकालत, राजनीति ,धर्म, समाज सेवा, पत्रकारिता, संस्कृति, शिक्षा के संवर्धन का प्रयास और परोपकार के लिए हमेशा सजग रहने की मानसिकता उनके व्यक्तित्व की विशिष्टता रही है। उन्होंने जिस भी काम को हाथ में लिया उसमें सफलता हासिल की है। पंडित शंभूनाथ शुक्ल जी जहां भी रहे उन्होंने अपनी सूझबूझ और कई कार्यों से सफलता हासिल की, और समाज, राजनीति को नई दिशा दी।
शहडोल के विस्तार में अहम योगदान
आज शहडोल में क्या-क्या नहीं है। मेडिकल कॉलेज खुलने को है, इंजीनियरिंग कॉलेज, पंडित शंभूनाथ डिग्री कॉलेज अब यूनिवर्सिटी बन चुका है। एक से एक कंपनियों का यहां जमावड़ा है। आज शहडोल का जो विस्तार दिखाई पड़ रहा है। उसका पूरा श्रेय पंडित शंभूनाथ शुक्ल जी को ही जाता है। क्योंकि जब ब्योहारी, उमरिया और बुढ़ार तीनों कस्बों के बड़े नेता अपने-अपने कस्बों को जिला बनाने की खींचतान में लगे हुए थे। उस दौर में शहडोल को जिला बनाने के लिए पंडित शंभूनाथ शुक्ल जी ने मोर्चा संभाला, और कामयाबी हासिल की, यही वजह भी है कि आज शहडोल को जिला बनाने का पूरा श्रेय पंडित शंभूनाथ शुक्ल को जाता है। पंडित शंभूनाथ शुक्ल जी के मेहनत और उनके कड़े परिश्रम का ही नतीजा रहा कि शहडोल जिला बना।
पंडित जी के प्रयासों से 1938 में जिला बनने का गौरव हासिल हुआ। विन्ध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए जिला न्यायालय, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, जिला वनमंडल अधिकारी के कार्यालय खुलवाने की प्रारंभिक प्रक्रि या के साथ जिले को प्रशासनिक और शैक्षणिक सुविधा की दृष्टि से एक संपन्न जिला मुख्यालय बनाने में पंडित शंभूनाथ शुक्ल ने अपना पूरा समर्पण व्यक्त किया।
जिले की अधोसंरचना को मजबूत बनाने की प्रभावी शुरुआत
पंडित शंभूनाथ शुक्ल जी ने एशिया के सबसे बड़े कागज कारखाने ओरियंट पेपर मिल को अमलाई में और अमरकंटक ताप विद्युत केंन्द्र को चचाई में स्थापित कराकर शहडोल जिले की अधोसंरचना को समृद्धशाली बनाने की प्रभावी शुरुआत की।
पंडित जी के बारे में
पंडित शंभूनाथ शुक्ल का जब से प्रजामंडल में प्रवेश हुआ उन्होंने सामंतवादी प्रवृत्ति के नेताओं को अपनी कूटनीति से बार-बार पराजित किया। वे रीवा राज्य के मंत्रि परिषद में रहे, फिर विन्ध्य प्रदेश के संस्थापक मुख्यमंत्री रहे, फिर नए मध्यप्रदेश के कई विभागों के मंत्री, वित्तमंत्री, वन मंत्री, शिक्षा मंत्री, रहे और फिर सांसद और अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा के प्रथम कुलपति रहे, योजना मंडल के सदस्य निर्वाचित हुए। पंडित जी जहां भी रहे उन्होंने सफलता हासिल की।

Home / Shahdol / कैसे बना शहडोल जिला, जानिए जिले के विकास में पंडित शंभूनाथ शुक्ल का योगदान

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो