scriptकच्ची सड़क में धंसे वाहन के पहिए, 10 किमी कंधे पर ले जाना पड़ा शव, आपको विचलित कर सकता वीडियो | shameful : dead body take on shoulder and go to 10 km in mud road | Patrika News
शाहडोल

कच्ची सड़क में धंसे वाहन के पहिए, 10 किमी कंधे पर ले जाना पड़ा शव, आपको विचलित कर सकता वीडियो

बदहाल सड़क के कारण आई ऐसी नौबत, मुख्यमंत्री कई बार कर चुके मध्यप्रदेश की सड़कों का गुणगान

शाहडोलSep 04, 2018 / 06:25 pm

shivmangal singh

shahdol

कच्ची सड़क में धंसे वाहन के पहिए, 10 किमी कंधे पर ले जाना पड़ा शव, आपको विचलित कर सकता वीडियो

डिंडोरी। प्रदेश में एक ऐसी घटना हुई जो शर्मशार कर देने वाली है। जिस सूबे का मुखिया ये दावा करता हो कि उनके यहां सड़कें अमेरिका से अच्छी हैं, उन्हीं सड़कों ने प्रदेश का सिर शर्म से झुका दिया। डिंडोरी जिले में एक शव वाहन के पहिए सड़क में धंस गए, जिसकी वजह से शव को 10 किमी तक कंधे पर ले जाना पड़ा। शव का 18 घंटे बाद अंतिम संस्कार किया जा सका। इस घटना से आसपास के लोगों में जबरदस्त रोष है।
अमेरिका से बेहतर मध्यप्रदेश की सड़कों की दलील के बीच डिंडोरी की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उससे जिले में एक बार फिर इंसानियत शर्मशार हुई है। यहां एक मृतक के परिवार वालों को शव ले जाने के लिए वाहन की सुविधा तो मिली, लेकिन गांव तक सड़क न होने से वाहन बीच रास्ते मे ही दलदल में फंसकर रह गया। रात भर जंगल मे शव को रखकर परिवार बाले सुबह होने का इंतजार करते रहे और दूसरे दिन सुबह होते ही शव को बांस-बल्ली से बांधकर दस किलोमीटर दूर रानीं बुढ़ार गांव तक ले जाया गया। तब कहीं जाकर पोस्टमार्टम के 18 घंटे बाद मृतक का अंतिम संस्कार हो सका। रानी बुढ़ार गांव के एक दिव्यांग युवक का शव शनिवार को कुकर्रामठ गांव के तालाब में मिला था। शव की शिनाख्त के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया और परिजनों की माली हालत खराब देख पुलिसकर्मियों ने आपस में चन्दा कर शव वाहन में फ्यूल के अलावा मृतक के परिजनों को आर्थिक मदद मुहैया कराई। बीजेपी सरकार द्वारा गांव-गांव विकास यात्राएं निकालकर विकास के दावे किये जा रहे हैं, लेकिन आजादी के 70 साल बाद भी तस्वीरें सरकार के दावों की पोल खोल रही है। ओम सिंह ठाकुर और अखिलेश श्रीवास ने 800 रुपये की मदद की थी।


ग्रामीण क्षेत्रों सड़कों की हालत बहुत खराब है
प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में आज भी सड़कों का नेटवर्क अच्छा नहीं है। कई गांवों में अभी भी कच्ची सड़कें हैं। बारिश होने के बाद ये सड़कें कीचड़ में तब्दील हो जाती हैं, जिसकी वजह से बरसात में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई गांवों का तो बरसात में संपर्क ही कट जाता है। बच्चों की पढ़ाई तक बरसात में रुक जाती है। बीमारों और बुजुर्गों के लिए तो भारी मुसीबत होती है। सिर्फ मुख्य रोड ही अच्छे बनाने से लोगों की समस्याएं दूर नहीं हुई हैं, गांव-गांव पक्की सड़कें बनना अभी भी मध्यप्रदेश में दूर की कौड़ी दिखाई दे रही है।

Home / Shahdol / कच्ची सड़क में धंसे वाहन के पहिए, 10 किमी कंधे पर ले जाना पड़ा शव, आपको विचलित कर सकता वीडियो

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो