आंदोलित मजदूरों ने सौपा 53 सूत्रीय मांगों का पत्र, एसडीएम ने कहा मिलेगा श्रमिकों का हक
बैठक में शामिल नहीं हुआ प्रबंधन
आंदोलित मजदूरों ने सौपा 53 सूत्रीय मांगों का पत्र, एसडीएम ने कहा मिलेगा श्रमिकों का हक
आंदोलित मजदूरों ने सौपा 53 सूत्रीय मांगों का पत्र, एसडीएम ने कहा मिलेगा श्रमिकों का हक
बरगवां. ओपीएम प्रबंधन के खिलाफ लगातार तेंरह दिनों से आंदोलित मजदूरो ने एसडीएम सोहागपुर को 53 सूत्रीय मांग पत्र सौपा है। रविवार को बुढ़ार रेस्ट हाउस में मजदूरो के समस्या के समाधान के लिए एसडीएम ने बैठक बुलाई थी। जिसमें ओपीएम प्रबंधन शामिल नहीं हुआ। इस अवसर पर एसडीएम ने मजदूरों से वादा किया है कि हर श्रमिक का वाजिव हक मिलेगा।
रेस्ट हाउस में एसडीएम को सौपे गए मांग पत्र में कहा गया है कि मजदूरों की समस्याओं को सीएम से लेकर हर सक्षम अधिकारी को अवगत कराया जा चुका है। लेकिन सुनवाई न होने के कारण मजदूर अनशन के लिए विवश है। बताया गया है कि लेबर यूनियन मिल अमलाई को 70 प्रतिशत श्रमिकों का बहुमत प्राप्त होते हुए भी 11अगस्त को ओपीएम. प्रबंधन ने प्रतिनिधि संघ व अन्य पंजीकृत श्रम संघो से मजदूर विरोधी समझैता कर लिया है। जिससे लेबर यूनियन के मजदूरो में आक्रोश है।
ये रही मजदूरों की मांग
ओपीएम प्रबंधन द्वारा आउट सोर्शिंग के नाम विभिन्न ठेकेदारों के माध्यम से कार्यरत सभी ठेका श्रमिकों को स्थायी श्रमिकों के समान एक मुश्त राशि मजदूरी में वृद्धि करके प्रतिमाह दिया जाय। जिन ठेका श्रमिको को 11 अगस्त 2018 के समझौता कार्यवाही विवरण आदेश में संम्मिलित किया गया है उनको भी स्थायी श्रमिकों के समान राशि दी जाय। सभी ठेका श्रमिको को स्थायी श्रमिकों के समान परिवर्तनशील महंगाई भत्ता त्रैमासिक औशत आधार पर भुगतान किया जाय तथा सूचकांक में गिरावट आने पर कटौती न की जाय।
बोनस एक्ट 1965 की धारा 8 के अनुसार पात्र सभी ठेका श्रमिकेां को वार्शिक मजदूरी का 20 प्रतिशत वार्शिक बोनस दिया जाय। सभी ठेका श्रमिको को स्थायी श्रमिकों के समान उत्पादन बोनस दिया जाय।
सभी ठेका श्रमिकों को स्थायी श्रमिकों के समान आकस्मिक, अर्जित व राष्ट्रीय एवं त्यौहारिक अवकाश दिया जाय। सभी ठेका श्रमिकों केा स्थायी श्रमिकों के समान रात्रि कालीन भत्ता और अवकाश यात्रा भत्ता दिया जाय। सभी ठेका श्रमिकों को आधा किलो नारियल तेल, चार बट्टी लाइफव्याव साबुन व दो किला गुड़ प्रति माह दिया जाय। सभी ठेका श्रमिकों को पोशाक एवं चमड़े का जूता दिया जाय।
सभी महिला श्रमिकों को वर्ष में दो जोड़ी पोशाक साड़ी, ब्लाउज, पेटीकोट तथा चमड़े का जूती दो जोड़ा दिया जाय। संविदा अधिनियम 1970 मप्र नियम 1973 के नियम के अनुसार नियोजन पत्रक, हाजिरी कार्ड व वेतन पर्ची सभी वंचित ठेका श्रमिकेा को दिया जाय तथा कड़ाई से पालन किया जाय।
सभी ठेका श्रमिको को स्थायी श्रमिको के समान कैंटीन में नश्ते-चाय, भोजन दिए जाने आदि की मांग शामिल है।
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