शिकार की वारदात के बाद डॉग स्क्वॉड और एक्सपर्ट की टीम पहुंच गई। एसडीएफ ने भी पहुंचकर पड़ताल करते हुए रिपोर्ट तैयार की। संजय नेशनल पार्क और पन्ना से डॉग स्क्वाड पहुंचा। बाघ के शव से कुछ दूरी में तार और कुछ साक्ष्य मिले हैं। जिसे अधिकारी शिकार से जोड़कर देख रहे हैं।
बांधवगढ़ से घुनघुटी जंगल सटा होने के बाद भी बीटों पर चौकसी को लेकर वन विभाग पूरी तरह गैर जिम्मेदार है। अधिकारियों का कहना है कि बाघ की अंतिम लोकेशन २९ नवंबर को जमुड़ी क्षेत्र में मिली थी। बीट पर गंभीरता से चौकसी होती तो शिकार अपना नेटवर्क नहीं फैला पाते। आश्चर्य की बात तो यह है कि बाघ के शिकारियों का घुनघुटी में मूवमेंट था और शाम के वक्त शिकार की वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद भी अधिकारियों को इसकी भनक नहीं लगी।
वारदात के बाद बाघ के दांत गायब थे और मुंह के भीतर भी चोट के निशान थे। वन विभाग के अधिकारियों ने दलील दी है कि शिकार के बाद बाघ मुंह के बल गिरा है। जिसकी वजह से मुंह में चोट आई है। अधिकारियों ने भी माना है कि घटना के वक्त बाघ के मुंह में दांत नहीं थे। हालांकि अधिकारियों ने सफाई दी है कि बाघ के जबड़े में दांत घुस गए थे, जो जांच के वक्त पाए गए हैं।
बांधवगढ़ के अलावा शहडोल और आसपास के जंगलों में लगातार शिकारियों का मूवमेंट है लेकिन वन विभाग पूरी तरह गैर जिम्मेदार बना है। हाल ही में 28 नवंबर को शिकारियों को जयसिंहनगर क्षेत्र में गोली मारकर शिकार किया था। गोहपारू टीम ने शिकारियों को पकड़ लिया है।
बिरसिंहपुर पाली के वन विभाग एसडीओ राहुल मिश्रा के मुताबिक घुनघुटी के घघडार जंगल में रविवार को एक महिला ने बाघ का शव देखकर सूचना दी। बाघ का शिकार किया गया है। हालांकि अब तक शिकार के तरीके नहीं पता चल सके हैं। डॉक्टरों की टीम ने पीएम किया है। पीएम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों की पुष्टि हो सकेगी। बाघ के शव में चोट के निशान मिले हैं। दांत पहले नहीं थे, बाद में जबड़े में फंसे मिले हैं। आसपास क्षेत्रों में सर्चिग बढ़ा दी है, जल्द सुराग मिलेगा।