यही हाल रहा तो प्यासे मर जाएंगे यहां के लोग, चार साल में 30 फीट नीचे चला गया जलस्तर
जयसिंहनगर ब्लॉक की हालत खराब, जिले में नौ फीट नीचे गया भूजल स्तर
the thirsty people will die water leval goes down 30 feet
शहडोल. जल स्तर जिस तेजी से शहडोल जिले में गिर रहा है, उस हिसाब तो कुछ ही सालों में बड़ी संख्या में यहां के लोग प्यासे रह जाएंगे। जिस तरह के हालात हैं यहां उस हिसाब तो निकट भविष्य में पानी की किल्लत होने वाली है। भयानक जलसंकट की आशंका है इसके बावजूद यहां का प्रशासन और प्रदेश सरकार बिल्कुल निश्चिंत मुद्रा में हैं। इससे लोगों की और भी अधिक मुसीबत बढऩे वाली है। कम बारिश के कारण जिले का जल स्तर चार साल के दौरान नौ फिट नीचे चला गया है। सबसे अधिक हालत जयसिंहनगर ब्लॉक की खराब है। यहां पर जलस्तर वर्ष 2014 की तुलना में 30 फीट से भी अधिक नीचे चला गया है। गिरते पानी के स्तर को देखते हुए कलेक्टर द्वारा जल अभावग्रस्त जिला घोषित करने के बाद पीएचई विभाग ने बिना अनुमति बोरिंग करने पर रोक लगा दी है।
बोरिंग पर लगी रोक के कारण ग्रामीणों को गर्मी के दिनों में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। पीएचई विभाग से मिली जानकारी में बताया गया है कि नवंबर 2014 में पानी का औषत जल स्तर 19.59 मीटर यानी की लगभग 60 फिट नीचे रहा है, वहीं नवंबर 2017 तक यह नीचे गिरकर 68.76 फिट नीचे यानि की 22.56 मीटर नीचे पहुंच गया है। वहीं पीएचई विभाग द्वारा जो आंकड़े दिए गए हैं, उनमें वर्ष नवंबर 2015 में भूजल स्तर 69 फिट यानि की 22.74 मीटर तथा वर्ष 2016 में अधिक बारिश होने के कारण जल स्तर जाकर 61 फिट यानि कि 20.22 मीटर नीचे रहा है।
पीएचई विभाग के आंकडों की मानें तो जहां जिले में चार साल के दौरान भू जल स्तर 9 फिट नीचे चला गया है, वहीं कालरी प्रभावित क्षेत्र बुढ़ार के बकहो में नवंबर 2014 में जल स्तर २८ मीटर यानि ८५ फिट रहा वहीं नवंबर 2017 में दर्ज किया गया आंकड़ा 7 फिट नीचे 92 फिट यानि की 30.16 मीटर दर्ज किया गया है।
जिले में कम बारिश के कारण औषतन लगभग 9 फिट पानी का जल स्तर घटा है, बीच में 2016 में हुई ज्यादा बारिश से जल स्तर में सुधार रहा है। भू जल स्तर गिरने के कारण कलेक्टर ने बोरिंग पर रोक लगा दी है।
वीके केशरवानी, सहायक यंत्री, पीएचई शहडोल।