फंड का दुरुपयोग
जिला अस्पताल में इतनी महंगी मशीन खरीदने के बाद एक भी व्यक्ति का इलाज न होना, ये फंड का सरासर दुरुपयोग है। जिला प्रशासन, जिला मिनरल फाउंडेशन और जिला अस्पताल प्रशासन की असंवेदनशीलता साफ झलकती है। ये केंद्र सरकार की मंशा के अनुरूप भी नहीं हैं। इस फंड का उन लोगों के विकास और कल्याण में लगाया जाना है जो लोग खनन और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से प्रभावित होते हैं। बताया तो ये जा रहा है कि इतना बड़ा फंड जो गरीबों के हित में लगाया जाना चाहिए था वह सिर्फ एक अधिकारी के लाभ के लिए खर्च कर दिया गया।
जिला अस्पताल में इतनी महंगी मशीन खरीदने के बाद एक भी व्यक्ति का इलाज न होना, ये फंड का सरासर दुरुपयोग है। जिला प्रशासन, जिला मिनरल फाउंडेशन और जिला अस्पताल प्रशासन की असंवेदनशीलता साफ झलकती है। ये केंद्र सरकार की मंशा के अनुरूप भी नहीं हैं। इस फंड का उन लोगों के विकास और कल्याण में लगाया जाना है जो लोग खनन और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से प्रभावित होते हैं। बताया तो ये जा रहा है कि इतना बड़ा फंड जो गरीबों के हित में लगाया जाना चाहिए था वह सिर्फ एक अधिकारी के लाभ के लिए खर्च कर दिया गया।
————————————– स्टेशन में सुविधाओं का अभाव
शहडोल/बुढ़ार – रेल्वे स्टेशन में सुविधाओं के अभाव में यात्रियों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बताया गया है कि गत कई माह से रेल यात्रियों के लिए प्लेटफार्म क्रमांक एक व दो में यात्री सुविधाओ का टोंटा है। यात्रियो को पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है। नगरवासियों ने बताया है कि नगर का रेल्वे स्टेशन कोयलांचल क्षेत्र का सबसे अधिक राजस्व देने वाला स्टेशन है। जहां धनपुरी, अमलाई, राजेन्द्रा कालॅरी एवं आस पास के प्रतिदिन चार से पांच हजार रेल यात्री आवागमन करते है। इसके बावजूद भी रेल प्रबंधन द्वारा यात्रियों की सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। रेल्वे स्टेशन के आसपास पन्नियां एवं डिस्पोजल कचरों का अंबार लगा हुआ है। चाट फुलकी के ठेलों का कचरा भी रेल्वे स्टेशन के सामने फेंक दिया जाता है। जो उड़कर रेल्वे स्टेशन के प्लेटफार्म तक पहुंच जाता है। जिससे जगह जगह गंदगी दिखाई देती है।
शहडोल/बुढ़ार – रेल्वे स्टेशन में सुविधाओं के अभाव में यात्रियों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बताया गया है कि गत कई माह से रेल यात्रियों के लिए प्लेटफार्म क्रमांक एक व दो में यात्री सुविधाओ का टोंटा है। यात्रियो को पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है। नगरवासियों ने बताया है कि नगर का रेल्वे स्टेशन कोयलांचल क्षेत्र का सबसे अधिक राजस्व देने वाला स्टेशन है। जहां धनपुरी, अमलाई, राजेन्द्रा कालॅरी एवं आस पास के प्रतिदिन चार से पांच हजार रेल यात्री आवागमन करते है। इसके बावजूद भी रेल प्रबंधन द्वारा यात्रियों की सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। रेल्वे स्टेशन के आसपास पन्नियां एवं डिस्पोजल कचरों का अंबार लगा हुआ है। चाट फुलकी के ठेलों का कचरा भी रेल्वे स्टेशन के सामने फेंक दिया जाता है। जो उड़कर रेल्वे स्टेशन के प्लेटफार्म तक पहुंच जाता है। जिससे जगह जगह गंदगी दिखाई देती है।