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शाहडोल

देर रात जंगल में महिला की बिगड़ी कार, लाइट देख पहुंची पुलिस, पहले धक्का लगाया, फिर सुधरवाया

– दो घंटे जंगल में कार बिगडऩे से परेशान थी महिला- मामा की अंत्येष्टि में शामिल होने जा रही थी महिला अधिवक्ता- गश्त में घूम रही पुलिस पहुंची- 15 किमी दूर आकर मैकेनिक को आधी रात में जगाया, फिर सुधरवाई कार

शाहडोलDec 04, 2020 / 01:35 pm

Ashtha Awasthi

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Woman’s deteriorated

शहडोल। अंत्येष्टि में शामिल होने जा रहे जंगल के बीच मुसीबत से घिरे एक परिवार की मदद करने शहडोल पुलिस तीन घंटे तक कड़कड़ाती ठंड में आधी रात मशक्कत करती रही। महिला अधिवक्ता की कार को स्टार्ट करने पहले पुलिस ने धक्का लगाया। स्टार्ट नहीं हुई तो धक्का लगाते हुए एक किमी तक ले गए। बाद में 15 किमी दूर शहर पहुंचकर रात में मैकेनिक को जगाया और कार सुधरवाते हुए परिवार को गंतत्व तक रवाना किया।

दरअसल रीवा निवासी महिला अधिवक्ता श्रुति तिवारी के मामा का देहांत हो गया था। वृद्ध माता – पिता को लेकर रीवा से बिलासपुर जा रही थी तभी शहडोल से सटे रोहनिया टोल प्लाजा के नजदीक रास्ते में 12 बजे जंगल के नजदीक कार खराब हो गई। इस दौरान पहले खुद कार को सुधारने का प्रयास किया लेकिन स्टार्ट नहीं हुई तो सड़क किनारे लगाकर मदद की राह देख रही थी। महिला अधिवक्ता ने मदद के लिए रात में कई राहगीरों को भी रोकने का प्रयास किया लेकिन मदद नहीं मिली।

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तभी कार और मोबाइल की लाइट देख गश्त कर रहे एएसआई रजनीश तिवारी और पुलिस टीम पहुंच गई। पुलिस देख पूरा परिवार घबरा गया लेकिन पुलिसकर्मियों ने हिम्मत दी और मदद करते हुए आगे भेजा। इसमें एएसआई रजनीश तिवारी, आरक्षक शिवकरण यादव, कृष्णकुमार सिंह और आशीष राठौर की भूमिका रही।

परिवार घबराया, बदमाश समझा, दिखाना पड़ा वायरलेस सेट

आधी रात सड़क महिला को देख पुलिस पहुंची तो पूरा परिवार घबरा गया था। पुलिसकर्मियों के अनुसार, परिवार हमें पुलिस की वर्दी में बदमाश और लुटेरा समझ रहा था। बाद में पुलिस का वाहन दिखाना पड़ा और वायरलेस सेट दिखाया, तब जाकर परिवार को भरोसा हुआ। बाद में दो पुलिसकर्मियों को मौके पर छोड़कर बाकी कर्मचारी मैकेनिक को ढूंढने रात में ही गांव और शहर निकल गए।

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गांव में नहीं मिले तो शहर से उठा ले गए मैकेनिक

एएसआई रजनीश तिवारी के अनुसार, महिला की कार सुधरवाने के लिए पहले गांव में ही प्रयास किया लेकिन समय बढ़ता जा रहा था। पुलिसकर्मियों के अनुसार दो बज चुके थे। बाद में शहर से मैकेनिक ले जाने का निर्णय लिया। 15 किमी दूर शहर तक आए फिर भी मैकेनिक नहीं मिले। बाद में मैकेनिकों के घर तक पहुंचे। यहां आधी रात मैकेनिकों को उठाकर गांव ले गए। यहां पर पहले कार सुधरवाई, फिर नंबर देकर रवाना किया।

जंगली जानवारों का रहता है खतरा

एएसआई रजनीश तिवारी के अनुसार लगातार डीजल चोरी की चोरी मिल रही थी। हमारी टीम गश्त में थी। अचानक अंधेरे में मोबाइल की रोशनी दिखाई दी। महिला भी दिखी। हम पहुंचे तो पूरा परिवार परेशान था। पुलिस को देखने के बाद भी डर गए थे। विश्वास दिलाना बड़ा मुश्किल था। अक्सर उस एरिया में आसामाजिक तत्व रहते हैं। जंगली जानवारों का भी खतरा रहता है। पहले खुद स्टार्ट किया नहीं चालू हुई तो दो पुलिसकर्मी वहीं पर छोड़कर शहर मैकेनिक लेने आ गए थे। रात में कार सुधरवाई और परिवार को अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए भेजा।

डर गई थी लेकिन मेरी मेंटल स्थिति समझी, सेफ फील कराया

श्रुति तिवारी के अनुसार मेरे मामा का देहांत हो गया था। परिवार अंत्येष्टि में शामिल होने रीवा से बिलासपुर जा रहा था तभी रात में कार बिगड़ गई थी। अचानक पुलिस पहुंच गई। मैं कई केस पढ़ चुकी थी। डर लग रहा था कैसा क्या कहेंगे। उम्मीद नहीं थी कि इस तरह आगे आकर मदद करेंगे। पुलिसकर्मियों ने मेरी मेंटल स्थिति समझी। मुझे हिम्मत दी और सेफ फील कराया, कि वो पुलिसकर्मी है, मदद करेंगे। मैं समझती थी कि सब कुछ हैंडल कर सकती हूं लेकिन ऐसी स्थिति में डर गई थी। शहडोल पुलिस और पूरी टीम का आभार करना चाहूंगी कि मुझे ऐसे वक्त में सेफ फील कराया।

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