किडनी की थी बीमारी, फेफड़ों में भी संक्रमण
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के अनुसार, युवक पहले से काफी बीमार था। युवक की हालत लगातार बिगड़ रही थी। नाजुक स्थिति को देखते हुए मेडिकल कॉलेज में उसे आईसीयू में भर्ती किया गया था। इलाज के बाद भी उसकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था। डॉक्टरों ने बाद में उसे वेंटिलेटर पर रखा गया। जानकारी के अनुसार, युवक किडनी की बीमारी से भी ग्रसित था। नषगपुर में इलाज चल रहा था। संक्रमण फेफड़ों तक पहुंच गया था। रविवार को उसकी हालत अचानक बिगड़ी और दम तोड़ दिया।
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लापरवाही: कोरोना संक्रमित महिला को भेज दिया घर, हालत बिगडऩे के बाद मौत
– उमरिया के बधवार निवासी एक 52 वर्षीय महिला की कोरोना से मौत हो गई। महिला का नागपुर में इलाज चल रहा था। उमरिया लौटने के बाद कोरोना की जांच में पॉजिटिव मिली थी। इसके बाद मेडिकल कॉलेज में 9 सितंबर को भर्ती हुई थी। यहां पर महिला का इलाज किया जा रहा था लेकिन 11 सितंबर को बिना निगेटिव रिपोर्ट आए मेडिकल कॉलेज से घर आ गई। घर पहुंचने के बाद लगातार महिला की हालत बिगडऩे लगी और सोमवार अलसुबह महिला की मौत हो गई। महिला की मौत ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बिना निगेटिव रिपोर्ट आए महिला को गंभीर स्थिति होने के बावजूद क्यों छोड़ा गया। कोरोना संक्रमित महिला की मौत की सूचना पर तहसीलदार नौरोजाबाद और बीएमओ डॉक्टर एमके बघेल मौके पर पहुंचे। परिजनों के अनुसार, महिला को कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने छोड़ दिया था। कॉलेज प्रबंधन ने दलील दी है कि महिला के परिजनों ने मेडिकल सलाह के बावजूद लिखित में देकर महिला को साथ ले गए, जबकि कोरोना पॉजिटिव को इस तरह से नहीं छोड़ा जा सकता है। कॉलेज प्रबंधन का कहना था कि महिला के परिजन विवाद कर रहे थे। इस वजह से लिखित में लेकर छोड़ दिया गया था।
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बढ़ता मौत का ग्राफ: 24 मरीजों की हो चुकी है मौत
संभाग में अब तक में कोरोना से 24 मरीजों की मौत हो चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा शहडोल में कोरोना मरीजों की मौत हुई है। शहडोल में कोरोना से 15 मरीजों की मौत हुई है। इसके बाद अनूपपुर में 4 कोरोना मरीज तथा उमरिया में 5 कोरोना मरीजों की मौत हुई है। इसमें 90 फीसदी से ज्यादा मौत पिछले 50 दिन के भीतर हुई हैं।
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