पुलिस ने बनाया रेप की जगह छेड़छाड़ की तहरीर देने दबाव आरोप है कि कल नाबालिग छात्रा कोचिंग से घर वापस लौट रही थी तभी रास्ते में गांव के रहने वाले अमनदीप सिंह, रंजीत सिंह और गुरूजन्ट सिंह ने नाबालिग छात्रा को दबोच लिया और उसे गन्ने के खेत में ले गये, जहां उसके साथ गैंग रेप की घटना को अंजाम दिया। इसी दौरान एक युवक गैंगरेप का वीडियो मोबाइल से बनाता रहा। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो वो गैंगरेप का वीडियो वायरल कर देंगे। पीड़िता और उसका परिवार जब थाने पहुंचा तो पुलिस ने पीड़िता के परिवार वालों पर छेड़छाड़ की रिपोर्ट दर्ज कराने का दबाव बनाया। बाद में गुस्साई पुलिस ने पीड़िता और उसके परिवार को थाने से भगा दिया। पीड़िता कई घन्टे तक थाने के बाहर बैठी रोती रही। पीड़िता का आरोप है कि पुलिस गैंगरेप की तहरीर को फड़वाकर छेड़छाड़ की तहरीर देने का दबाब बना रही है।
कई घंटों थाने के बाहर बैठा रहा पीड़िता का परिवार पीड़िता और उसका परिवार कार्रवाई के लिए कई घन्टे थाने के बाहर बैठा रहा लेकिन बाद में मामला पुलिस के आलाधिकारियों के सामने आने के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ रेप, पाक्सो एक्ट सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
प्रदेश सरकार एक तरफ महिलाओं और नाबालिग लड़कियों के खिलाफ यौन शोषण जैसे में मामले में तत्काल कड़ी कार्रवाई के आदेश पुलिस को दे रही है। लेकिन यहां गैंगरेप जैसे मामलों में 30 घन्टे से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद भी पीड़िता और उसका परिवार न्याय के लिए थाने में भटकता रहा। ऐसे में सवाल यही उठ रहा है कि आखिर यूपी पुलिस सुधरने का नाम क्यों नहीं ले रही है।