1800 हिंदुओं के बीच अकेला मुस्लिम परिवार शाहजहांपुर जिले के अल्हागंज स्थित चिलौआ गांव में रहेन वाले इबादत अली की बेटी का निकाह है। इस गांव में 1800 लोगों की कुल आबादी है, जिसमें से इबादत अली का अकेला मुस्लिम परिवार है। फिर भी इबादत का कहना है कि उन्हें आज तक ऐसा महसूस नहीं हुआ कि वह किसी अन्य धर्म संप्रदाय के लोगों के बीच अकेले रह रहे हैं। इबादत का परिवार सभी हिंदू परिवारों को भी धूमधाम से मनाता है। नवरात्र के व्रत भी रखता है। उनके त्यौहारों में हिंदू परिवार भी शरीक होते हैं। हिंदुओं के त्यौहार में वो शरीक होते हैं।
‘हमें अल्लाह और ईश्वर दोनों से प्यार’ इबादत अली की बेटी रूख्सार बनो का निकाह 30 अप्रैल को होना तय हुआ है। बेटी के निकाह के मौके पर भी इबादत ने सर्वधर्म समभाव का संदेश दिया है। उन्होंने निकाह के लिए कार्डों पर भगवान राम माता सीता का फोटो इबादत अली ने निकाह के लिए जो कार्ड छपवाए हैं। उनपर भगवान श्रीराम और सीता माता की तस्वीर छपवाई है। हर तरफ इबादत अली की इस सोच की तारीफ हो रही है। इबादत अली की पत्नी बेबी का कहना है कि हमें अल्लाह के साथा-साथ ईश्वर से भी प्यार है। दोनों हमारे जीवन का हिस्सा हैं।