स्वामी चिन्मयानन्द के कॉलेज में पढ़ने वाली लॉ की छात्रा ने फेसबुक पर 24 अगस्त को वीडियो अपलोड कर पीएम मोदी और सीएम योगी से मदद मांगी थी। उसने पूर्व गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानन्द का नाम लिए बगैर उन पर गंभीर आरोप लगाए थे। आरोप लगाने के बाद छात्रा अचानक गायब हो गई। जिसके बाद छात्रा के पिता ने 27 अगस्त को स्वामी चिन्मयानन्द पर बेटी को अगवा करने और धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था। छात्रा के गायब होने के बाद जब ये मामला मीडिया में सुर्ख़ियों में छाया तो वकीलों एक समूह ने सुप्रीम कोर्ट से मामले का संज्ञान लेने की याचिका दायर की। इस बीच शाहजहांपुर पुलिस ने छात्रा को राजस्थान से बरामद कर लिया।
जब ये बात सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में आई तो छात्रा को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया गया। जहाँ पर छात्रा ने खुद को खतरा बताया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को एसआईटी से जांच कराने के निर्देश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदेश सरकार ने एसआईटी का गठन किया है। एसआइटी का नेतृत्व आइजी नवीन अरोड़ा कर रहे हैं और इसमें 16 सदस्य है।
मामले की जांच जब एसआईटी ने शुरू की तो छात्रा ने स्वामी चिन्मयानंद पर रेप और एक साल तक शारीरिक शोषण का आरोप लगाते हुए स्वामी चिन्मयानन्द की गिरफ्तारी की मांग की थी। छात्रा ने शाहजहांपुर के डीएम पर पिता को धमकाने का भी आरोप लगाया था साथ ही यूपी पुलिस से जान का खतरा बताया था। छात्रा ने रेप की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए दिल्ली पुलिस को तहरीर भी दी थी। इस बीच छात्रा के कोर्ट में बयान भी दर्ज कराए गए थे। बयान दर्ज होने के बाद भी स्वामी की गिरफ्तारी न होने पर छात्रा ने आत्महत्या करने की धमकी दी थी।
एसआईटी जांच के बीच स्वामी चिन्मयानन्द के तमाम वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए जिसमे स्वामी चिन्मयानन्द अपने आश्रम में किसी लड़की से मालिश कराते हुए दिख रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया था। इस बीच एसआईटी ने स्वामी चिन्मयानन्द के बेडरूम को सील कर उनके बगैर कहीं इजाजत आने जाने पर रोक लगा दी थी।
कोर्ट में जिस दिन छात्रा के बयान दर्ज हुए उसी दिन स्वामी चिन्मयानंद की तबियत खराब हो गई जिसके बाद डाक्टरों ने उन्हें गुरूवार को लखनऊ के केजीएमयू रेफर कर दिया लेकिन चिन्मयानन्द लखनऊ नहीं गए और आश्रम में इलाज कराने की बात कह कर यही रुक गए और शुक्रवार को उन्हें आश्रम से गिरफ्तार कर लिया गया। छात्रा ने भी स्वामी चिन्मयानन्द पर बीमारी का बहाना बनाने का आरोप लगाया था।
इस मामले में स्वामी चिन्मयानंद से भी वाट्सअप मेसेज के जरिए पांच करोड़ रूपये की रंगदारी मांगी गई थी। जिसमे छात्रा के साथी का नाम आया था। एसआईटी ने उससे भी पूछताछ की है। फिलहाल इस पूरे मामले की रिपोर्ट 23 सितंबर को एसआईटी हाईकोर्ट में पेश करेगी।