दो बच्चों को बना दिया गुंडा
मामला थाना मिर्जापुर के पडारा गांव का है। यहां रहने वाले शख्स का गांव के ही लोगों से विवाद हो गया था। इसी विवाद के बाद थाना मिर्जापुर पुलिस ने बिना जांच किए उसके 10 वर्षीय और 14 वर्षीय दो बेटों के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई कर दी। थाने का सिपाही जब दोनों बच्चों का समन लेकर घर पहुंचा तो परिवार के होश उड़ गए। पिता जब अपने बच्चों के साथ एसडीएम के सामने जमानत के लिए पेश हुआ तो अधिकारी भी हैरान रह गए। मामला सामने आने के बाद बच्चों के खिलाफ हुई कार्रवाई निरस्त कर दी गई। अब पुलिस अपनी इस करतूत को छिपाने में जुट हुई है।
थानाध्यक्ष ने भेजी थी रिपोर्ट
इस संबंध में सीओ बलदेव सिंह खनेड़ा ने बताया कि दो व्यक्तियों के विरुद्ध रिपोर्ट थानाध्यक्ष द्वारा प्रेषित की गई थी। उसमें आरोपियों की उम्र पर संदेह हो रहा था कि दोनों बालिग हैं या नाबालिग। इसकी जांच कराई गई तो दोनों लड़के 18 साल से कम उम्र के थे। इसके बाद उसे निरस्त कर दिया गया है।
एम्बुलेंस चालक को दी थर्ड डिग्री
भले ही पुलिस ने कागजों में अपनी गलती को सुधार ली हो, लेकिन इस कार्रवाई से पुलिस को लेकर जो डर बच्चों के मन में पैदा हुआ है, उसकी भरपाई कर पाना शायद मुश्किल होगा। बता दें कि 20 मार्च को ही जिले की चौक कोतवाली पुलिस ने एक एम्बुलेंस की बेरहमी से पीटा था। उसे थर्ड डिग्री दी गई और सिगरेट से जलाया गया था। इस मामले में पुलिस जांच कर रही है।