समय से पहले ही जीवन दायिनी का गागर सूखा, नपा को कराने पड़े ये जतन
नपा को कराने पड़े शहर में40 लाख रुपए से बोरवेल, बांध से लगातार पानी चोरी होने से बनी स्थिति, वार्डों में खनन के साथ टंकी लगवाने का भी हो रहा कार्य
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शाजापुर. इस बार मानसून ने सही समय पर दस्तक दे दी, नहीं तो चीलर बांध के सूखते पानी से शहरवासी को प्यासा रहना पड़ता है। समय से पहले चीलर बांध का पानी खत्म होने की स्थिति को देखते हुए नगर पालिका ने शहर में ४० लाख रुपए की लागत से बोरवेल खनन का कार्य शुरू किया है। करीब एक माह में अनेक वार्डों में खनन किया गया है, जहां पानी की टंकी लगाकर क्षेत्रवासियों को जलप्रदाय किया जाएगा।
इस बार चीलर बांध में १६ फीट पानी जमा हो गया था। इसके बाद रबी फसल के लिए जल उपयोगिता समिति की मांग में किसानों को सिंचाई के लिए एक बार दोनों नहरों से ४० दिन तक पानी छोड़ा गया। इसके बाद दिसंबर माह में शहर में पेयजल के लिए साढ़े ६ फीट पानी शेष रखा था। इस ६ फीट पानी से पूरे साल जलप्रदाय किया जाना था। लेकिन यह तीन माह में ही खत्म हो गया। मार्च में ही डेड स्टोरेज से पानी लिफ्टिंग किया जाने लगा। इस दौरान जमकर चीलर बांध से पानी चोरी किया गया, लेकिन जिम्मेदारों ने कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की। इससे बारिश आते-आते चीलर बांध का पानी पूरी तरह सूखने लगा और पानी डेड स्टोरेज के ६ फीट नीचे तक पहुंच गया। ऐसे में शहर की पेयजल समस्या को देखते हुए है नगर पालिका ने प्रत्येक वार्ड में बोरवेल खनन का कार्य किया जा रहा है। जिससे चीलर बांध सूखने की स्थिति में शहरवासियों को पेयजल के लिए भटकना न पड़े।
पहले से तैयार था प्रस्ताव
नगर पालिका द्वारा शहर के सभी वार्डों में बोरवेल खनन किया जा रहा है।नगर पालिका के करीब ४० लाख रुपए खर्च होंगे। सभी बोरवेल के पास पानी की टंकी और मोटरें भी लगा रही हैं। नगर पालिका ने १५ जून से बोरवेल खनन कराने का काम शुरू कर दिया।
लगाचार चोरी हुआ डैम से पानी
रबी सीजन में ४० दिन नहर से पानी छोडऩे के बाद चीलर बांध में मोटरें डालकर आधा दर्जन गावों के किसान चीलर बांध से पानी चोरी कर रहे हैं। हर साल पानी चोरी की घटना को देखते तत्कालीन कलेक्टर श्रीकांत बनोठ ने जनवरी में नगर पालिका, सिंचाई विभाग और बिजली कंपनी को पानी चोरी रोकने के लिए कार्रवाई को कहा था। लेकिन जब तक कार्रवाई की गई तब तक डैम खाली हो चुका था, इस दौरान मोटरे तो जब्त हुई, लेकिन पानी चोरी नहीं रुका। जिसके कारण असमय ही चीलर बांध सूख गया।
2008 में भी बनी थी यही स्थिति
शहरवासियों ने भारी जलसंकट का सामना वर्ष २००८ में किया था। इस दौरान पानी भरने को लेकर एक युवक की हत्या भी हो चुकी थी। चीलर बांध पूरी तहर सूख चुका था, लोगों को जलप्रदाय नहीं हो पा रहा था। तब नगर पालिका ने शहर के विभिन्न वार्डों में बोरवेल कराकर पेयजल व्यवस्था की थी। जब कराई बोरवेल में कुछ बंद हो चुकी है, कुछ स्थानों पर अभी भी चालू हैं।
मार्च में ही चीलर बांध में पानी कम हो गया था, ऐसे में शहर पेयजल स्थिति को देखते हुए प्रत्येक वार्ड में बोरवेल कराए जा रहे हैं।अब तक २० वार्डों में बोवरेल लग चुके हैं। जहां टंकी व मोटरे लगाई जाएंगी। चीलर में अभी भी पानी बहुत कम है।
भूपेंद्र कुमार दीक्षित, सीएमओ नगर पालिका शाजापुर
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