scriptसहजयोग की महत्ता पर प्रकाश डालेगी ‘गृह लक्ष्मी’ | film, 'Ghara Laxmi', which sheds light on importance of Sahaja Yoga | Patrika News
शाजापुर

सहजयोग की महत्ता पर प्रकाश डालेगी ‘गृह लक्ष्मी’

सहजयोग आज का महायोग। इस वाक्य को प्रदर्शित करती और सहज योग की महत्ता पर प्रकाश डालती फिल्म ‘गृह लक्ष्मी’ का शुक्रवार से तीन दिनों तक शहर में नि:शुल्क प्रसारण शुरू किया गया।

शाजापुरJul 06, 2019 / 05:46 pm

Lalit Saxena

patrika

film,Entertainment,shajapur hindi news,Sahaj Yoga,Broadcasting,

शाजापुर. सहजयोग आज का महायोग। इस वाक्य को प्रदर्शित करती और सहज योग की महत्ता पर प्रकाश डालती फिल्म ‘गृह लक्ष्मी’ का शुक्रवार से तीन दिनों तक शहर में नि:शुल्क प्रसारण शुरू किया गया। जो शहर के बेरछा रोड स्थित एक निजी सीनेप्लेक्स में प्रसारित हो रही है। इस फिल्म को शहर के 900 लोग देखेंगे।

सहजयोग से आमजन को जोडऩे के लिए
सहज योगियों ने बताया फिल्म ‘गृहलक्ष्मी’ पूरी तरह से सहजयोग ध्यान के महत्व को आम लोगों को मनोरंजन के तरीके के साथ समझाने और सहजयोग से आमजन को जोडऩे के लिए प्रचार-प्रसार का माध्यम है। इस फिल्म के माध्यम से विश्व में स्थापित सहजयोग सेंटरों को जहां संख्यात्मक बल प्राप्त होगा, वहीं जिस स्थान पर अभी सहजयोग नहीं पहुंचा है वहां सरलतम मार्ग से पहुंचकर स्थापित हो सकेगा। अधिक से अधिक लोगों को सहजयोग से जोडऩे और योग की महत्ता को प्रदर्शित करने के लिए इस फिल्म का शहर में प्रदर्शन किया जा रहा है। फिल्म की अवधि सवा घंटे है और इसमें मध्यांतर नहीं होगा। शो के तीसरे दिन रविवार को इस फिल्म के निर्माता व गायक संजय रोशन तलवार भी शो में दर्शकों के साथ फिल्म को देखने के लिए उपस्थित रहेंगे।

मासूम में दिखा प्रेम के साथ बाल अपराध के प्रति गुस्सा
बाल यौन शोषण पर आधारित फिल्म मासूम का प्रदर्शन शुक्रवार दोपहर १२.३० बजे नरेंद्र टॉकीज में किया गया। फिल्म में मुख्य भूमिका में उज्जैन के रितेश रघुवंशी थे। इसी के चलते विशेष शो रखा गया। यह फिल्म बाल अपराध के विरुद्ध आम व्यक्ति की जंग है। प्रेम जीवन का हिस्सा है, जो भी फिल्म में नजर आया। इसे जाति और धर्म से ऊपर दिखाने की कोशिश की, लेकिन फिल्म की कहानी में भी धर्म प्रेम के आड़े आ गया था और प्रेमी युगल एक नहीं हो पाए थे। मासूम फिल्म राहुल और जोया की प्रेम कहानी से शुरू होती है। दोनों अलग-अलग धर्म के होते हैं। इस कारण एक नहीं हो पाते हैं। जोया के निकाह के बाद उसकी बेटी होती है, जो यौन अपराध का शिकार हो जाती है। अपने प्रेम में निराशा हाथ लगने के बाद राहुल अविवाहित और लक्ष्यविहीन जीवन में रहता है, लेकिन जोया की बेटी के साथ हुई घटना उसे लक्ष्य देती है। वह एडवोकेट होने के नाते उसे न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ता है, जिसमें उसे जीत मिलती है।

Home / Shajapur / सहजयोग की महत्ता पर प्रकाश डालेगी ‘गृह लक्ष्मी’

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो