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शाजापुर

जनता की उम्मीदों और लाखों की गाढ़ी कमाई पर पानी फिरा

स्वच्छता का दम भरने वाली नगर पालिका को मिला प्रदेश में भी 82वां स्थान

शाजापुरJun 24, 2018 / 11:59 pm

Lalit Saxena

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शाजापुर. स्वच्छता सर्वेक्षण की शनिवार को जारी हुई सूची में शहर को सबसे ज्यादा निराशा हाथ लगी। देश में अलग-अलग जोन के मान से शाजापुर नगर पालिका को उम्मीद थी कि उसका नंबर देश और प्रदेश की सूची में टॉप टेन में शामिल होगा, लेकिन जब परिणाम सामने आए तो नपा की उम्मीद गर्त में चली गई। शहर की स्वच्छता को लेकर लाखों रुपए खर्चने के बाद भी आपेक्षित परिणाम नहीं मिले। देश में स्वच्छता की सूची में शाजापुर का नाम 290 नंबर पर रहा। वहीं प्रदेश में भी एक लाख से कम आबादी वाले नगरीय निकाय में शाजापुर का नंबर 82वां रहा।
पहले चरण के स्वच्छता सर्वेक्षण के बाद देश के सभी नगरीय निकायों को भी स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी करने के लिए निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन शाजापुर नगर पालिका ने इस मामले में लापरवाही बरती। शुरुआती करीब 6 माह तक तो शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर कोईतैयारी ही नहीं की गई। इसके बाद शहर में स्वच्छता को लेकर अभियान चलाया गया, लोगों में जागरुकता फैलाई गई, डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण वाहन चलाए गए, लेकिन ये सारे प्रयास भी नाकाफी साबित हुए। जब स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम शहर में आई और यहां के हालात देखे तो उन्होंने यहां की मार्किंग की। शनिवार को घोषित हुए परिणाम में शहर को 4000 में से करीब 1200 नंबर ही मिले।
शहरवासियों ने दिया अच्छा फीडबैक
स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर को नंबर मिले है उसमें से अधिकांश नंबर शहरवासियों से मिले फीडबैक के है। सर्वेक्षण टीम ने जब शहर में घुमकर लोगों से चर्चा की तो लोगों ने शहर को नंबर वन बनाने के लिए टीम के समक्ष बेहतर फीडबैक दिया, लेकिन लोगों का ही फीडबैक नंबर वन के लिए काफी नहीं था।
अभी हालात और भी ज्यादा खराब
जब शहर में स्वच्छा सर्वेक्षण टीम के आने की खबर मिली थी तो शहर में लगातार सफाई अभियान के साथ ही कई पहलुओं पर ध्यान दिया गया, लेकिन टीम का सर्वेक्षण होने के बाद व्यवस्थाएं पूरी तरह से चरमरा गई। वर्तमान में शहर के हालात और भी ज्यादा खराब हो गए है। शहर में गंदगी, मवेशी, पॉलीथिन की समस्या का कोई हल नहीं हो रहा है। इसके चलते लोग जहां परेशान है, वहीं गंदगी से बीमारियों का भी लगातार खतरा बना हुआ है।
इन कारणों से शहर को मिले कम नंबर
1. कचरे से खाद नहीं बनाना : स्वच्छता सर्वेक्षण में ट्रेचिंग ग्राउंड पर कचरे से खाद बनाने एवं उसके विक्रय के लिए नंबर दिए जाना थे, लेकिन टीम के आने के ठीक एक-दो दिन पहले ही नपा ने ट्रेचिंग ग्राउंड पर मशीने लगाई जिनसे खाद बनना शुरू नहीं हुआ था। ऐसे में यहां पर खाद का विक्रय भी नहीं हुआ।इसके चलते इस कार्य को लेकर शहर को नंबर नहीं मिले।
2.गीला कचरा-सूख कचरा अलग नहीं होना : स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछडऩे का दूसरा करण शहर में गिला कचरा-सूखा कचरा अलग-अलग नहीं होना भी सामने आया। डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण वाहनों में शहरवासी गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग नहीं डालते है। इससे इस कचरे को ट्रेचिंग ग्राउंड में अलग-अलग करने के कारण इसके भी बहुत कम नंबर मिले।
3. कचरा संग्रहण वाहनों की संख्या कम होना : शहर में नगर पालिका ने डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण वाहन तो चलाएं, लेकिन इनकी संख्या महज 9 ही है। जबकि आबादी के मान से इनकी संख्या ज्यादा होना चाहिए थी। यह कारण भी स्वच्छता सर्वेक्षण में कम नंबर मिलने का रहा।
4. नदी में मिल रही गंदगी : सर्वेक्षण टीम ने जब शहर की स्थिति का जायजा लिया तो शहर के बीच से निकली चीलर नदी में शहर के सभी नालों से गंदगी मिलते पाई गई। लगातार गंदगी मिलने से नदी का स्वरूप ही नालेकी तरह दिखाई दिया। इस कारण भी नगर पालिका को कम नंबर दिए गए।
5. पॉलीथिन का हो रहा भरपूर उपयोग : स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर के पॉलीथिन मुक्त होने पर अलग से नंबर दिए जाने थे, लेकिन शहर में प्रतिबंध के बावजूद भी पॉलिथीन का जमकर उपयोग होता है। विभागीय अधिकारियों की इक्का-दूक्का बार कार्रवाईके बाद पॉलिथीन के उपयोग पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। इस कारण भी शहर की स्वच्छता रैकिंग पर असर पड़ा।
6. शहर में घूम रहे मवेशी : शहर की सड़कों से लेकर गली-मोहल्लों तक में मवेशी खुले घुमते रहते है। नपाकर्मियों ने स्वच्छता सर्वेक्षण के समय इन मवेशियों को हटाने की औपचारिकता की। इसकी हकीकत टीम के शहर में भ्रमण के दौरान सामने आ गई। इसके चलते इसमें भी शहर को नंबर कम मिले।
अगली बार बेहतर स्टार ग्रेडिंग मिलेगी
स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणाम चौंकाने वाले रहे। इतने कम नंबर मिलने की उम्मीद किसी को भी नहीं थी। जहां-जहां पर कमी रह गई उन्हें सुधारने के लिए अप्रैल माह से ही प्रयास शुरू कर दिए है। आगामी वर्ष में स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर की जगह स्टार ग्रेडिंग मिलेगी। हमारा पूरा प्रयास रहेगा कि ज्यादा से ज्यादा स्टार लेकर ग्रेडिंग में शहर को अव्वल लेकर आएं।
भूपेंद्र कुमार दीक्षित, सीएमओ, नगर पालिका-शाजापुर

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