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शाजापुर

सरकारी स्कूल पर लगा दी 25 हजार की पेनल्टी

सरकारी स्कूलों में बिजली कनेक्शन घरेलू दर का होता है लेकिन शहर के एक सरकारी स्कूल में बिजली कंपनी ने व्यावसायिक कनेक्शन के मान से बिल भेज दिया।

शाजापुरJan 06, 2018 / 12:05 am

Gopal Bajpai

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शाजापुर. सरकारी स्कूलों में बिजली कनेक्शन घरेलू दर का होता है लेकिन शहर के एक सरकारी स्कूल में बिजली कंपनी ने व्यावसायिक कनेक्शन के मान से बिल भेज दिया। वहीं कंपनी की विजिलेंस टीम ने दो माह पहले शासकीय स्कूल में लोड की गणना के बाद पिछले माह का बिल 25 हजार रुपए की पेनल्टी जोड़कर भेज दिया। बिल आने के बाद स्कूल के प्राचार्य बिजली कंपनी पहुंचे और वर्तमान माह के बिल की राशि जमा कर दी, पेनल्टी को लेकर प्राचार्य की परेशानी अभी कम नहीं हुई है।
शहर के बस स्टैंड पर स्थित शासकीय बालक उमावि क्रमांक-2 में पिछले करीब 2 साल से प्रतिमाह बिजली के बिल का खर्च मीटर रीडिंग के हिसाब से 1500-2000 रुपए के बीच आता है। जिसका स्कूल प्रबंधन प्रतिमाह भुगतान भी कर रहा है। इसके बीच दो माह पहले बिजली कंपनी की विजिलेंस टीम स्कूल पहुंची और यहां के लोड की गणना की। इस गणना के बाद एक बिल की राशि तो मीटर रीडिंग के हिसाब से ही आई, लेकिन गत माह का जो बिल दिया गया उसमें मीटर रीडिंग के हिसाब से 1600 रुपए का बिल और 25 हजार रुपए की पेनल्टी जोड़कर भेज दिया गया। अचानक पेनल्टी जुड़कर आने से स्कूल प्रबंधन हतप्रभ रह गया।
बिजली अधिकारियों से की चर्चा
प्राचार्य ने बिजली कंपनी पहुंचकर इस संबंध में चर्चा की, लेकिन अभी तक कोई लाभ नहीं हुआ। ऐसे में प्राचार्य ने मीटर रीडिंग की राशि का भुगतान करते हुए पेनल्टी के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया है।
5 किलोवॉट का लोड बताया स्कूल पर
स्कूल को दिए गए बिल में पेनल्टी की राशि जोड़कर दी गई है। इस बिल में स्कूल में 5 किलो वॉट का लोड बता दिया गया। जबकि स्कूल के कक्षों में एलईडी लगी हुई है जिसकी बिरले ही जरूरत पड़ती है। वहीं कक्षों में लगे पंखे भी सर्दी का मौसम होने से बंद पड़े हुए हैं। स्कूल में केवल प्राचार्य कक्ष और स्टाफ रूम में ही बिजली चालू होती है, जिसकी मीटर रीडिंग के बाद बिल आता है। लेकिन इसके बाद भी विजिलेंस टीम ने स्कूल पर 5 किलो वॉट की बिजली खपत का लोड बता दिया। ऐसे में स्कूल प्रबंधन परेशान को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
व्यावसायिक बिल दिया जा रहा स्कूल को
इस स्कूल में जो बिजली का कनेक्शन है उसे व्यावसायिक श्रेणी में डालकर प्रतिमाह बिलिंग की जा रही है। जबकि उक्त स्कूल में अध्यापन करने वाले बच्चों की फीस से लेकर यूनिफॉर्म और किताबों तक का खर्च सरकार की ओर से होता है। इस कनेक्शन को व्यावसायिक की श्रेणी में ही नहीं डाला जा सकता। खास बात यह है कि बिजली कंपनी के अधिकारियो को भी नहीं पता है कि सरकारी स्कूल में दिए गए कनेक्शन को व्यावसायिक श्रेणी में रखें या फिर घरेलू श्रेणी में है। ऐसे में अपनी मनमर्जी से व्यावसायिक श्रेणी के हिसाब से स्कूल को बिल दिया जाता है।
बिजली कंपनी को शिकायत की
&आज तक स्कूल में प्रतिमाह 1500-2000 रुपए के बीच बिजली बिल की राशि मीटर रीडिंग के हिसाब से आती है उसका भुगतान प्रतिमाह किया जाता है। दो माह पहले विजिलेंस टीम ने यहां पर लोड की गणना की और अब बिल मेें मीटर रीडिंग के अलावा पेनल्टी जोड़कर भेज दी है। इस संबंध में बिजली कंपनी को शिकायत की गई है।
अरुण व्यास, प्राचार्य, शासकीय बालक उमावि क्रमांक-2-शाजापुर
&सभी जगह पर बिजली लोड की अलग-अलग स्लैब बनी हुई है। जहां पर जितना लोड रहता है उसके हिसाब से ही बिलिंग होती है। सरकारी स्कूल में पेनल्टी लगाई है तो मैं इस मामले को दिखवाता हूं।
एसआर सेमिल, अधीक्षण यंत्री, बिजली कंपनी-शाजापुर

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