अनाज व्यापारी महासंघ के जिलाध्यक्ष किरणसिंह ठाकुर की फर्म श्री गिरीराज ट्रेडिंग कंपनी से गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात 3 बोरी गेहंू चोरी हो गया। सुबह जब ठाकुर सहित अन्य मंडी व्यापारी जब मंडी में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि मंडी में फिर से अनाज चोरी हो गया। इसके चलते सभी व्यापारियों ने घोष विक्रय का बहिष्कार कर दिया। सूचना मिलने पर कोतवाली टीआई राकेश नैन सहित अन्य पुलिसकर्मी यहां पहुंचे। व्यापारियों ने पुलिस को बताया कि मंडी में लगातार चोरी की वारदातें हो रही हैं। इसका मुख्य कारण मंडी में एक ओर की दीवार की ऊंचाई कम होने के साथ ही उस पर जाली नहीं लगी हुई है। वहीं व्यापारियों ने एक सुर में मंडी के बाहर शासकीय भूमि पर अवैध रूप से कब्जा जमाकर रह रहे लोगों को हटाने की भी मांग की।
मंडी व्यापारियों ने सीधे-सीधे उक्त अतिक्रमणकर्ताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन्हीं में से कुछ लोग मंडी में चोरी करते हैं। इसके बाद कोतवाली टीआई नैन सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने व्यापारियों के बताए स्थान पर जाकर निरीक्षण किया तो यहां पर मंडी की दीवार के दूसरी ओर अनाज बिखरा हुआ था। सूचना मिलने पर एसडीएम यूएस मरावी भी कृषि उपज मंडी पहुंचे और व्यापारियों से चर्चा की।
20 तक कार्रवाई, अन्यथा मंडी बंद
व्यापारियों की बात सुनने के बाद एसडीएम ने कृषि उपज मंडी कार्यालय में सभी व्यापारियों के साथ एक बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में व्यापारियों ने बताया कि मंडी में चोरी की वारदातों को रोका जाए और मंडी के बाहर से अतिक्रमण हटाया जाए। इसके लिए मंडी व्यापारियों ने जिला प्रशासन को 20 दिसंबर तक का समय दिया है। व्यापारियों ने कहा कि यदि 20 दिसंबर तक भी उनकी मांग पर कार्रवाईनहीं की गईतो 21 दिसंबर से सभी मंडी व्यापारी नीलामी में भाग नहीं लेकर मंडी को बंद करेंगे।
अब तक इन फर्मों को बनाया निशाना
1. श्रीकृष्ण टे्रेडिंग कंपनी से 1 क्विंटल गेहूं चोरी हुआ।
2. श्रीराम ट्रेडिंग कंपनी से सोयाबीन चोरी।
3. धनराज ट्रेडिंग कंपनी से सोयाबीन चोरी।
4. सलाम ट्रेडिंग कपंनी से 3 क्विंटल सोयाबीन चोरी।
5. सावंरिया ट्रेडिंग कंपनी से 3 क्विंटल सोयाबीन चोरी।
6 . अग्रसेन ट्रेडिंग कंपनी से 4 बोरी मसूर चोरी।
7. अनिल कुमार राजेशकुमार टे्रडिंग कंपनी से सोयाबीन चोरी।
8 . शिवशक्ति ट्रेडिंग कंपनी से सोयाबीन चोरी।
9. श्रीगिरीराज ट्रेडिंग कंपनी से 3 बोरी गेहूं चोरी।
डेढ़ माह में मंडी से 9 बार अनाज चोरी
नोटंबदी के बाद एक साल तक कृषि उपज मंडी में किसानों को नकद भुगतान नहीं हुआ, सभी के खातों में सीधे पैमेंट भेजा जाने लगा। इस एक साल की समयावधी में मंडी में अनाज चोरी की वारदातें नहीं हुई, लेकिन 26 अक्टूबर से कृषि उपज मंडी में किसानों को 10 हजार रुपए तक नकद और शेष राशि आरटीजीएस करने की सुविधा शुरू होने के बाद से लेकर शुक्रवार तक डेढ़ माह के इस समय में 9 बार व्यापारियों के गोदाम से अनाज चोरी की घटनाएं हो चुकी है।